
Importance of Computer: तकनीकी विकास के दौर में भले ही स्मार्ट फोन के जरिये वे तमाम कार्य किए जा सकते हैं, जो पहले कंप्यूटर से ही संभव थे। फिर भी कंप्यूटर का महत्व कम नहीं हुआ है। तभी तो आधुनिक जमाने में भी लगभग हर व्यक्ति संस्था या विभाग के पास कंप्यूटर होता है। इसलिए हम कंप्यूटर प्रोडक्ट पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Importance of Computer: इन डिवाइसों से मिल कर बनता है कंप्यूटर
इंफोपोस्ट डेस्क
Importance of Computer: दरअसल, कंप्यूटर अकेली डिवाइस नहीं है। यह कई पार्ट्स से मिलकर बना होता है। अभी हम कंप्यूटर के हार्डवेयर वाले पार्ट्स के बारे में चर्चा करेंगे। हार्डवेयर पार्ट्स को हम छू सकते हैं। कंप्यूटर का हिंदी में नाम संगणक होता है। इसक मतलब होता है गणना करने वाला।
यह एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूजर से इनपुट लेती है। उसे प्रोसेस करती है और फिर यूजर को मॉनिटर, साउंड, प्रिंटर आदि आउटपुट डिवाइसों के जरिये आउटपुट देती है। आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग सभी जगह किसी न किसी प्रकार से जरूर किया जाता है। इसके उपयोग से समय, पैसा और श्रम की बचत होती है।
आपको कुछ टाइपिंग करनी है तो इसके लिए आप कंप्यूटर डिवाइस का उपयोग कर सकते हैं। आप कहेंगे कि टाइपिंग जैसे कार्य तो टाइप राइटर से भी किए जा सकते हैं। लेकिन इसमें कोई डाटा सेव नहीं होता। टाइपिंग मैटर में सुधार लाने की भी सुविधा सीमित होती है।
कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में स्टोर होता है डाटा
कंप्यूटर में जिन डिवाइसों का उपयोग किया जाता है, उनमें कुछ इनपुट डिवाइस तो कुछ आउटपुट डिवाइस होती हैं। जिस तरह मोबाइल फ़ोन में डाटा स्टोर करने के लिए मेमोरी कार्ड की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम को इनस्टॉल करने और डाटा स्टोर करने के लिए सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस का उपयोग किया जाता है। इसी स्टोरेज डिवाइस को हार्ड डिस्क कहा जाता है। इसमें डाटा हमेशा के लिए स्टोर रहता है।
हार्ड डिस्क जितना अधिक फास्ट होगा, आपका कंप्यूटर उतना ही तेजी से चलेगा। कंप्यूटर में अलग अलग प्रकार की हार्ड डिस्क का उपयोग किया जाता है। जैसे एसएसडी, आईडीई हार्ड डिस्क, मेग्नेटिक डिस्क, एससीएसआई आदि। कंप्यूटर में डाटा को सही तरह से स्टोर और मैनेज करने के लिए कंप्यूटर से कनेक्ट हार्ड डिस्क को यूजर पार्टीशन में बाँट देता है, जिसे सी, डी, ई और एफ आदि के नाम से जाना जाता है।
मदर बोर्ड से जुड़े होते हैं कंप्यूटर के सभी पार्ट
कंप्यूटर में मदर बोर्ड एक महत्वपूर्ण पार्ट होता है। मदर बोर्ड को कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड भी कहा जाता है जिसे कंप्यूटर कैबिनेट के अंदर फिक्स किया जाता है। मदर बोर्ड में सभी डिवाइस से कम्युनिकेशन और डाटा ट्रांसमिशन के लिए बहुत सारी लाइनो का जाल बिछा होता है जिसे टेक्निकल भाष में ट्रैक्स कहा जाता है।
मदर बोर्ड प्लास्टिक और फाइबर की पतली इलेक्ट्रॉनिक प्लेट होती है जिस पर सभी इंटरनल, एक्सटर्नल, इनपुट और आउटपुट डिवाइस जैसे की प्रोसेसर, रैम, एसएमपीएस, स्पीकर, माउस, कीबॉर्ड आदि डिवाइस जुड़े रहते हैं। मदर बोर्ड पर कंप्यूटर के लगभग सभी पार्ट्स डायरेक्टली और इनडायरेक्टली जुड़े रहते हैं।
प्रोसेसर से तय होती है कंप्यूटर की क्षमता
Importance of Computer: सेंट्रल प्रोसेसर यूनिट यानी सीपीयू को ही प्रोसेसर कहा जाता है। यह कंप्यूटर के मदरबोर्ड से जुड़ा रहता है। इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहते हैं। क्योकि प्रोसेसर कंप्यूटर पर निर्देशों को प्रोसेस करता है और आउटपुट डिवाइस पर रिजल्ट देता है। इसका साइज लगभग दो इंच का होता है। इसके अंदर एक सिलिकॉन की चिप होती है। इसे मदर बोर्ड में सीपीयू सॉकेट के अंदर फिट किया जाता है। प्रोसेसर सीपीयू की क्षमता को मेगाहर्ट में नापा जाता है।
कंप्यूटर की याददास्त को बनाए रखने के लिए जिस डिवाइस का उपयोग किया जाता है, उसे रैम कहते हैं। रैम का पूरा नाम और रैंडम एक्सेस मेमोरी होता है। यह कंप्यूटर की एक प्राथमिक मेमोरी होती है। यह एक शॉर्ट टर्म मेमोरी होती है जो टेंपरेरी तौर पर काम करती है। जब आप कंप्यूटर पर कोई काम कर रहे होते हैं तो डाटा इसी में सेव होता है। लेकिन जब आपका कंप्यूटर शट डाउन और रीस्टार्ट हो जाता है तो आपका डाटा आटोमेटिक डिलीट हो जाता है। इसीलिए इस मेमोरी को अस्थाई मेमोरी भी कहते हैं। कंप्यूटर रैम की स्पीड को मेगा बाइट या गीगाबाइट में मापा जाता है।