
76th Independence Day: पीएम मोदी की बात से मैं शतप्रतिशत सहमत नहीं हूं। क्योंकि देश को परिवादवाद से उतना नुकसान नहीं है, जितना कि अयोग्यतावाद से। अगर एक ही परिवार में तमाम योग्य लोग हैं, तो सभी को मौका मिलना चाहिए। लेकिन आज हर तरफ अयोग्यतावाद का बोलबाला है।
76th Independence Day: भ्रष्टाचार, ‘परिवारवाद’ या भाई-भतीजावाद पर हमला
श्रीकांत सिंह
76th Independence Day: जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के बाद अब लाल किले की प्राचीर से एक नया नारा दिया गया है−जय अनुसंधान। यह अलग बात है कि पिछले तमाम वर्षों में इसी मौके पर देश की जनता से किए गए तमाम वादे अभी भी पूरे नहीं हो पाए हैं।
पीएम मोदी ने देश को 76वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। राजघाट पहुंच कर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। संबोधन में उन्होंने कहा, आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं- भ्रष्टाचार और ‘परिवारवाद’ या भाई-भतीजावाद।
योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाना होगा
भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, हमें इससे लड़ना है। हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिए, योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए ‘परिवारवाद’ के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी।
पीएम मोदी ने कहा, मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीति के क्षेत्र की बात कर रहा हूं। दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। इससे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है।
असली संघर्ष तो अयोग्यतावाद से
पीएम मोदी की बात से मैं शतप्रतिशत सहमत नहीं हूं। क्योंकि देश को परिवादवाद से उतना नुकसान नहीं है, जितना कि अयोग्यतावाद से। अगर एक ही परिवार में तमाम योग्य लोग हैं, तो सभी को आगे बढ़ने मौका मिलना चाहिए। इसके विपरीत आज हर तरफ अयोग्यतावाद का बोलबाला है।
अयोग्यतावाद की प्रमुख वजह सामंतवाद है। मध्यकालीन युग में यह प्रथा इंग्लैंड और यूरोप में थी। सामंतों की कई श्रेणियां होती थीं। शीर्ष स्थान पर राजा होता था। उसके नीचे विभिन्न कोटि के सामंत होते थे। सबसे निम्न स्तर पर किसान या दास होते थे। सबसे बड़ी बात, अयोग्यतावाद के आरोप मोदी जी की कैबिनेट पर भी लगाए जा रहे हैं। इस पर चर्चा कभी विस्तार से करेंगे।
भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी का प्रहार कितना कारगर?
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार किया। कहा कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आपका साथ चाहिए। आपसे भ्रष्टाचार से लड़ने की शक्ति चाहिए। जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा। बैंक लूटने वालों की संपत्ति जब्त हो रही है। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है।
दरअसल, असली समस्या भेदभावपूर्ण एक्शन है, जो कांग्रेस युग से बदस्तूर जारी है। प्रवर्तन निदेशालय, CBI एवं IT का दुरुपयोग किस कदर केंद्र सरकारों ने किया, यह किसी से छिपा नहीं है। इनका इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन अब तो इन्हीं के जरिये राजनीतिक निष्ठा को बदला जा रहा है। जो भ्रष्ट नेता अपनी राजनीतिक निष्ठा को बदल लेता है, उसके खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी कदम को रोक दिया जाता है।
नए अनुसंधानों पर कितनी खबरें दिखाता है गोदी मीडिया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लाल किले की प्राचीर से नया नारा जय अनुसंधान दिया है, उसकी भी पड़ताल की जानी चाहिए। हमारा गोदी मीडिया नए अनुसंधानों पर कितनी खबरें दिखाता है, इसकी भी पड़ताल की जानी चाहिए। अगर मोदी जी वास्तव में जय अनुसंधान के नारे पर काम करना चाहते हैं, तो उन्हें गोदी मीडिया को अनुसंधान की खबरों को दिखाने के लिए बाध्य करना होगा।
आज हम तकनीक के साथ उसके उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हैं। चीन पर निर्भरता जैसे हमारी विवशता बन रही है। शायद यही वजह है कि हमारा आयात अधिक तो निर्यात कम है। इसका प्रतिकूल असर हमारी अर्थव्यवस्था पर साफ देखा जा रहा है। यह आलेख मोदी जी तक पहुंचना कठिन जरूर है, लेकिन डिजिटल संसार में अपनी उपस्थिति दर्ज करेगा ही।