9th Global Festival of Journalism: स्वागत है आपका। आज हम पत्रकारिता की चर्चा करेंगे। क्योंकि 9वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के मौके पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया।
9th Global Festival of Journalism: कलम की ताकत तलवार से भी तेज़
9th Global Festival of Journalism: कोरोना काल में वैसे तो सभी लोगों ने सशक्त भूमिका निभाई है और देश के लोगों ने दिखा भी दिया कि वे एक दूसरे से किस तरह जुड़े हुए हैं। खासकर मज़दूरों की मदद करना हो या डॉक्टर को प्रोत्साहित करना हो। या एक दूसरे के घर में खाना पहुंचना हो। यह सब बातें हमें देखने को नहीं मिलतीं अगर मीडिया सक्रिय भूमिका न निभाता।
कोरोना काल ने हमें संगठित होना सिखाया। और इस संगठन को दिखाने के लिए जर्नलिस्म ने बहुत अहम भूमिका निभाई। क्योंकि जर्नलिस्ट का कोई धर्म नहीं होता। वो बस अपनी कलम का सिपाही होता है। वह आईना होता है। सच्चाई को अपनी दूरदर्शिता से पहचान जाता है।
पत्रकारिता का अर्थ
यह कहना था एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का। वह 9वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के मौके पर आयोजित वेबिनार में अपने विचार साझा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का अर्थ है सच्चाई को सामने लाना। चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुडी हो, फिल्मों से या आम इंसान की परेशानियों से।
वेबिनार में कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया। उनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. सेठ, पलेस्टाइन एम्बेसी के मीडिया एडवाइजर एबेद एलराजे अबु जजेर, लिसोथो की हाई कमिश्नर लीनो मॉलिस माबूसेला, जर्नलिस्ट के. जी. सुरेश, शोभित यूनिवर्सिटी के चांसलर कुंवर शेखर विजेंद्र, ईरान एम्बेसी के कल्चरल कॉउन्सिल मोहम्मद अली रब्बानी और मोबाइल एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन भूपेश रसीन शामिल थे।
जर्नलिस्ट को सल्यूट
लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. सेठ ने कहा कि कोरोना में मीडिया ने विश्वसनीयता का जो परिचय दिया है वो अतुलनीय है। क्योंकि उसने बिना वक़्त देखे हर खबर से लोगों को रूबरू करवाया। ग्लोबल जर्नलिस्म फेस्टिवल उन सभी जर्नलिस्ट को सल्यूट करता है जिन्होंने इस बुरे समय में भी अपनी ड्यूटी को अच्छे से निभाया।
मोहम्मद अली रब्बानी ने कहा कि पिछले दिनों डिजिटल मीडिया ने जो भूमिका निभाई, उसे सलाम करता हूँ। डिजिटल मीडिया ने सभी देशों को मुश्किल घड़ी में एक साथ लाने की कोशिश की है। और एक सेतु का काम किया है।
सच्चाई को दिखाएं
लीनो मॉलिस ने कहा कि मीडिया एक ऐसी पावर बन चुका है जो किसी को भी अर्श और फर्श दिखा सकता है। और एक दूसरे को जोड़ भी सकता है पर हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि हम सच्चाई को दिखाएं। क्योंकि कलम की ताकत तलवार की धार से तेज़ होती है।
9th Global Festival of Journalism: पहले दिन के दूसरे वेबिनार में स्लोवेनिया के राजदूत मेरजन सेन्सेन, एक्टर मुकेश त्यागी, एडिटर आर. पी. रघुवंशी और तीसरे वेबिनार में फेरिस एंटरटेनमेंट के फाउंडर पीटर फेरिस, फिल्म मेकर नरेंद्र गुप्ता, फिल्म डायरेक्टर प्रीति त्रिपाठी ने भाग लिया।