इंफोपोस्ट न्यूज, नोएडा। सेक्टर 22 स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार को अल्जाइमर्स-डिमेंशिया जागरूकता सप्ताह के तहत मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आए लोगों को बुढ़ापे में भूलने की बीमारी अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ. तनूजा ने कहा कि बुजुर्ग अपने आपको सक्रिय रखकर अल्जाइमर्स-डिमेंशिया से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह अधिक उम्र के लोगों में भूलने वाली बीमारी है। इसका बड़ा कारण यह है कि उम्र के इस पड़ाव पर लोग दिमागी कसरत बंद कर देते हैं। उपेक्षा और अकेलापन इस बीमारी को और बढ़ा देता है।
उन्होंने कहा कि नियमित योग और व्यायाम से काफी हद तक इस बीमारी से बचा जा सकता है।साइकेट्रिस्ट सोशल वर्कर डॉ. रजनी सूरी ने कहा कि बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें।
अकेलापन न महसूस होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें, उनकी बातों को नजरंदाज कदापि न करें, बल्कि उनको ध्यान से सुनें। यदि किसी बुजुर्ग को छोटी-छोटी चीजें भूलने की शिकायत हो या फिर नींद आने में दिक्कत हो तो जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ में दिखाएं, ताकि समय रहते उनको उस समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके।
शिविर में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के सामाजिक कार्यकर्ता विकास मिश्रा ने लोगों को तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन न करने की सलाह दी। शिविर में करीब 25 लोग पहुंचे थे, उनकी जांच की गई। किसी में भी अल्जाइमर्स-डिमेंशिया के लक्षण नहीं मिले। शिविर में साइकेट्रिस्ट स्टाफ नर्स सोनी सहित मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की समस्त टीम मौजूद रही।
बीमारी के प्रमुख लक्षणों में जीवन शैली में एकदम से बदलाव आना, शरीर में आलसपन बढ़ जाना, लोगों से बात करने से कतराना, बीमारियों को नजरंदाज करना, भरपूर नींद का न आना, किसी पर भी शक करना आदि शामिल हैं।