
Agitation: भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गुर्जर ने कहा है कि देश और संविधान को बचाना हम सब की जिम्मेदारी है। वह शनिवार को नोएडा मीडिया क्लब के भवन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
Agitation: बुलंदशहर से लेकर गाज़ियाबाद तक पदयात्रा 15 अक्टूबर से
इंफोपोस्ट न्यूज
नोएडा। Agitation: संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गुर्जर ने कहा कि आज देश में जो घटनाक्रम हो रहे हैं, वे देश के लिए सही नहीं हैं। मणिपुर की घटना देश को शर्मसार करती है। वहां केंद्र सरकार ने अभी कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया। वहां की सरकार को बर्खास्त भी नहीं किया। क्योंकि वहां भारतीय जनता पार्टी की ही सरकार है।
उन्होंने कहा, नूह मेवात में जो माहौल खराब हुआ, वहां भी राजनीति के तुष्टिकरण का शिकार वहां के लोग हुए हैं। भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के बैनर तले 15 अक्टूबर से बुलंदशहर से लेकर गाज़ियाबाद तक पदयात्रा निकाली जाएगी। उसमें भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के सभी संगठन भागीदारी निभाएंगे।
गलत नीतियों के कारण देश में त्राहि-त्राहि
भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची है। इसको रोकने के लिए और जनमानस के अधिकारों के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पदयात्रा से पूरे देश में एक बड़ा मैसेज जाएगा और जनता जागेगी।
हम लोग संघर्षवादी लोग हैं, संघर्ष में विश्वास रखते हैं और हमारा यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सत्ता का परिवर्तन नहीं हो जाता। इस मौके पर मास्टर महिपाल नागर को भारतीय किसान यूनियन एस का प्रदेश उपाध्यक्ष और महेश प्रजापति को भारतीय किसान यूनियन एस का दादरी नगर का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव शाहिद भैया भारत बचाओ, संविधान बचाओ आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष सैयद असलम, बबली गुर्जर, फखरुद्दीन मेवाती, युसूफ अल्वी आदि ने भी अपने विचार रखे।
नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत
दरअसल, हमारा देश ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ लंबे संघर्ष के बाद आजाद हुआ। हमारे संस्थापक पिताओं और माताओं के पास सांप्रदायिक सद्भाव, समानता, न्याय, धर्मनिरपेक्षता, बंधुत्व और लोकतंत्र के मूल्यों पर आधारित भारत का एक दृष्टिकोण था, जो सभी संविधान में निहित थे।
देश के नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने और नफरत का जहर फैलाने वाली विभाजनकारी ताकतों को हराने, स्वतन्त्रता आंदोलन के मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के लिए भारत के जन संगठनों ने नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत की है।