Agricultural Economy: धानुका एग्रीटेक लिमिटेड संस्थापक राम गोपाल अग्रवाल ने होटल ताज में “फ्यूचरिस्टिक न्यू टेक्नोलॉजीज इन एग्रीकल्चर: ए गेम चेंजर फॉर इंडियन इकोनॉमी” विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया। जानते हैं कि इस मौके पर खेती के बारे में क्या कुछ कहा गया।
Agricultural Economy: किसानों में जागरूकता लाएगा धानुका ग्रुप
श्रीकांत सिंह
Agricultural Economy: भारत एक कृषि प्रधान देश है और हमारी आधी से ज्यादा आबादी खेती बारी करती है। कृषि सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक है तो उससे भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है। कृषि क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद का 20 प्रतिशत हिस्सा है। हमारी आबादी के लगभग 55 प्रतिशत लोग जीवन यापन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती पर ही निर्भर हैं।
ये कहना था धानुका ग्रुप के धानुका एग्रीटेक लिमिटेड संस्थापक राम गोपाल अग्रवाल का। उन्होंने होटल ताज में “फ्यूचरिस्टिक न्यू टेक्नोलॉजीज इन एग्रीकल्चर: ए गेम चेंजर फॉर इंडियन इकोनॉमी” विषय पर एक सम्मेलन आयोजित किया।
भारतीय कृषि क्षमता को महसूस किया गया?
सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चले सम्मेलन में राम गोपाल अग्रवाल ने कहा कि भारतीय कृषि की क्षमता को महसूस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ एक आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की है।
इसमें से कम से कम एक ट्रिलियन डॉलर कृषि क्षेत्र से ही प्राप्त होंगे। दो साल तक कोविड-19 महामारी के दौरान कृषि क्षेत्र के लचीलेपन को ध्यान में रखते हुए, लेकिन इस अवधि के दौरान भी जब अन्य क्षेत्रों में भी गिरावट आई थी, लेकिन कृषि क्षेत्र ने 3% से अधिक की वृद्धि दिखाई है।
भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र पर पूरा ध्यान दिया है और भारत को न केवल कृषि उपज में बल्कि फसल सुरक्षा रसायनों के लिए भी एक प्रमुख उत्पादक बनाने के लक्ष्य के साथ फसल संरक्षण क्षेत्र को एक चैंपियन क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है।
कृषि विकास की प्रमुख चुनौतियां
फिर भी ऐसी कई चुनौतियां हैं जो कृषि विकास को बाधित करती हैं। जैसे कि छोटी जोत, घटती कृषि योग्य भूमि, किसान जागरूकता में कमी, गुणवत्तापूर्ण कृषि आदानों की उपलब्धता, कीड़े, कीट, रोग, खरपतवार के अलावा अन्य जैविक और अजैविक परेशानियां। साथ ही सटीक कृषि आईटी, आईओटीए, ड्रोन जैसी नई तकनीकों के साथ गुणवत्ता वाले कृषि-इनपुट की कमी किसानों के लिए उपलब्ध नहीं है।
यही वजह है कि कृषि उत्पादकता में काफी कमी आई है। यह स्पष्ट है कि विकसित देशों की तुलना में हमारी जीडीपी बहुत कम है। क्योंकि हमारी प्रति हेक्टेयर उपज बहुत कम है। यदि हम अपने सकल घरेलू उत्पाद की तुलना चीन जैसे पड़ोसी देशों से करें तो हमारा प्रति हेक्टेयर योगदान लगभग तिहाई ही है। यह किसानों की बहुत ही परेशान करने वाली समस्या है।
सबसे पहले किसानों में जागरूकता लानी होगी
आर जी अग्रवाल ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि आप जैसे गुनी लोग हमारी इस मुहिम में मेरे साथ शामिल हैं। इस अवसर पर कई गण्यमान्य लोग उपस्थित हुए। उनमें सत्यभूषण जैन ने कहा, सबसे पहले किसानों में जागरूकता लानी होगी। नई टेक्नोलॉजी के विषय में उनको बताना होगा।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री के कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है वो किसानों को जागरूक करे। उत्तम अनाज के लिए नई तकनीक को जाने, जिससे हमें उत्तम अनाज मिले।
धानुका ग्रुप कई वर्षो से किसानों की बेहतरी के लिए सक्रिय
Agricultural Economy: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा, धानुका ग्रुप कई वर्षो से किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है। खेती से देश की सम्पन्नता जुड़ी है।धानुका प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार ने मेहमानों का धन्यवाद किया और कहा, हम सबको मिल कर देश को आगे ले जाना है।
अन्य गण्यमान्य हस्तियों में दिल्ली विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति दीपक पेंटल, राजेंदर सिंह परोदा को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित आर.एस परोड़ा और टाइम्स ग्रुप के देवेन सतघरे मौजूद रहे।