Amazing: पराठे का ठेला लगाने वाले व्यक्ति के बेटे ने बड़ा कमाल कर दिखाया है। उसने साइकिल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर अपने पिता का नाम रोशन किया है।
Amazing: नोएडा के मान को बढ़ा दिया
श्रीकांत सिंह
नोएडा, उत्तर प्रदेश। Amazing: राजू शाह एक ऐसा नाम है, जो मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, राजू शाह ने एक साइकिल प्रतियोगिता में शानदार जीत हासिल कर नोएडा के मान को बढ़ा दिया है।
छालेरा गली नंबर 1 सेक्टर 44 के रहने वाले राजू शाह ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि कुंवर मेमोरियल ट्रस्ट और साइकिल एसोसिएशन ऑफ दिल्ली ने एक साइकिल प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें राजू शाह ने अपने प्रतिद्वंदी को 1 मिनट 8 सेकंड के बड़े अंतर से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया।
राजू शाह के संघर्ष की कहानी
राजू साहू का परिवार छलेरा गांव में किराये के मकान में रहता है। राजू शाह के पिता पराठे का ठेला लगाते थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नई दिशा फ्री एजुकेशन सोसायटी सेक्टर 29 से प्राप्त की थी। बाद में कक्षा 6 से 10 तक आदर्श ज्ञान वाटिका सेक्टर 44 नोएडा सीबीएसई बोर्ड से पास की थी।
उसके बाद 2020 में मैकेनिकल का डिप्लोमा हासिल करने के बाद टेस्टी चौका रेस्टोरेंट में वेटर का काम किया। मगर पैसे की तंगी के कारण राजू शाह ने जमेटो में भी काम करना चालू कर दिया। इसी दौरान उसकी मुलाकात अतिन श्रीवास्तव से हुई जो नोएडा साइकिल क्लब के सदस्य हैं।
साइकिलिंग ग्रुप से जुड़ने की इच्छा जताई थी
राजू ने उनसे बताया कि मुझे साइकिलिंग का शौक है और मैं साइकिलिंग ग्रुप में जुड़ना चाहता हूं। उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि कल सुबह नोएडा गेट आ जाना वहां हम साइकिलिंग करेंगे और सिग्नेचर ब्रिज तक जाएंगे।
मैंने उनके साथ लोहे की साइकिल से उपसाइकलिंग की ओर उनके पास एलमुनियम की साइकिल थी। जब उन्होंने मेरी साइकिल चलाने की स्पीड देखी तो वह बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने मुझे एक अल्मुनियम की साइकिल दे दी। तभी से मैंने अपना साइट लिंक प्रशिक्षण शुरू कर दिया था।
पीछे मुड़कर नहीं देखा
मैंने गुरुग्राम में पहली साइकिल रेस में भाग लिया और स्कोर कंप्लीट करने के बाद आज तक मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
राजू शाह ने अपनी कामयाबी के पीछे ग्रेटर नोएडा के साइक्लोक्रॉस साइकलिंग क्लब एवं राइड ग्रुप का सहयोग बताते हुए उनका आभार व्यक्त किया।