श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। चीन के बचपने को दुनिया के तमाम देश झेल रहे हैं। चाहे वह कोरोना जैसे घातक वायरस को फैलाने की बात हो या गलवान और दक्षिण चीन सागर में उसकी बेजा हरकत। जैसे एक जिद्दी बच्चा दूसरे बच्चे का खिलौना देख कर मचल जाता है, ठीक उसी प्रकार चीन दूसरे देश की जमीन पर मचल जाता है। आखिर उसे संस्कार सिखाए कौन? लेकिन भारत ने उसे अपनी संस्कारशाला में कैद कर लिया है।
गांवों में आपने देखा होगा कि घर से दूर लोग बैठका बना लेते थे। उस समय गांवों में डकैतियां बहुत होती थीं। ग्रामीण बैठका में हथियार लेकर बैठते थे और गांव नुक्कड़ पर ही डकैतों को मार भगाते थे। कई बार तो डकैत पकड़ भी लिए जाते थे। भारत ने भी अपना बैठका दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है। भारत का बैठका ऐसी जगह है, जिधर से चीन का आना जाना है। आना जाना ही नहीं, उसी रास्ते से उसका पूरा व्यापार चलता है। और उस बैठके की रौनक ऐसी जम रही है कि जहां चार यार मिल जाएं, वहीं रात गुजर जाए।
हम बात कर रहे हैं अंडमान नीकोबार की। जहां भारत के बड़े यार अमेरिका और आस्ट्रेलिया भी उसका साथ देने के लिए तैयार बैठे हैं। अब जैसे यार, वैसी व्यवस्था भी तो जरूरी है। हम बता रहे हैं कि भारत अपने बैठके में क्या व्यवस्था कर रहा है। क्योंकि आपके यहां कोई मेहमान आए और आपके पास वाई फाई की व्यवस्था हो तो मेहमान का मन कुछ ज्यादा ही रम जाता है।
इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खास बैठके अंडमान नीकोबार को एक खास सौगात दी है। वहां केंद्र सरकार ने सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई है। उसके जरिये पूरे द्वीप में फोन-इंटरनेट की कनेक्टविटी बेहतर हो सकेगी। बीएसएनल के जरिये इस प्रोजेक्ट को पूरा किया गया और समुद्र के नीचे केबल बिछा दी गई है।
अंडमान-निकोबार को 400 GB प्रति सेकेंड तक की इंटरनेट स्पीड मिल पाएगी। चेन्नई से शुरू हुआ प्रोजेक्ट पोर्ट ब्लेयर तक गया है। समुद्र के नीचे 2313 किलोमीटर में केबल बिछाई गई है।इसकी कुल लागत 1224 करोड़ रुपये आई है। ये केबल स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामरोता, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड व रंगत में जाएगी।
पोर्ट ब्लेयर को 400 जीबी प्रति सेकेंड और अन्य द्वीपों को 200 जीबी प्रति सेकेंड तक की स्पीड मिल सकती है। बीएसएनएल ने इस प्रोजेक्ट की अगुवाई की और 24 महीने के अंदर समुद्र के नीचे केबल बिछा दी गई। शुरुआत में बीएसएनल का नेटवर्क काम करेगा, लेकिन बाद में प्राइवेट कंपनियों को भी मौका मिलेगा। ऐसे में अंडमान को भी 4जी सर्विस मिल पाएगी।
इस प्रोजेक्ट की मदद से टेली-एजुकेशन, टेली-हेल्थ, ई-गवर्नेंस, टूरिज्म के क्षेत्र में फायदा मिलने की संभावना है। प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही की थी और आज उन्होंने ही इसका उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि 15 अगस्त के जश्न से पहले अंडमान के लोगों के लिए ये उपहार है। अब लोग वहां आएंगे तो लंबे वक्त तक रुकने की कोशिश करेंगे, क्योंकि कनेक्टनिटी की कोई दिक्कत नहीं आएगी। साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम ने ऐलान किया है कि अब जल्द ही पोर्ट ब्लेयर को आसपास के अन्य आइलैंड से जोड़ने के लिए वाटरवे का निर्माण किया जाएगा और नदियों को भी जोड़ा जाएगा। इस पर काम जारी है। इस प्रकार भारत ने अंडमान नीकोबार में रौनक बढ़ने का पूरा इंतजाम कर दिया है। आवाजाही बढ़ेगी तो सुरक्षा व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त की जाएगी। और भारत का एक महत्वपूर्ण सामरिक अड्डा गुलजार हो उठेगा।