
ASSISTANCE ON AGRICULTURE LOAN: केंद्र सरकार को एक बार फिर किसानों की याद आई है। मुफ्त की योजनाओं को हानिकारक बताए जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 फीसदी ब्याज सहायता देने का फैसला किया है। यह अलग बात है कि एमएसपी जैसे कोर मुद्दों पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। तभी तो कुछ किसान कैबिनेट के इस फैसले पर आशंका भी जता रहे हैं।
ASSISTANCE ON AGRICULTURE LOAN: कृषि ऋण पर 1.5 फीसदी सहायता
श्रीकांत सिंह
ASSISTANCE ON AGRICULTURE LOAN: केंद्र सरकार सीमांत किसानों को तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 फीसदी ब्याज सहायता देगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को स्वीकृति प्रदान की गई।
मीडिया में सरकार के इस कदम को भले ही मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है, लेकिन कुछ किसानों को इस बात की आशंका है कि सरकार किसानों को कर्ज में डुबाने की साजिश रच रही है। ताकि किसान अपनी जमीन औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाएं। किसान नेता ओमपाल राणा कहते हैं कि किसानों की समस्या का समाधान कर्ज पर ब्याज कम करने से नहीं सुलझेगी। उन्हें तो फसल पर एमएसपी दिए जाने से ही राहत मिल पाएगी।
राणा यह भी आशंका जता रहे हैं कि किसानों के बहाने सरकार कारपोरेट को भारी छूट देने का प्लान बना रही है। क्योंकि सरकार जो कहती है, वह कभी नहीं करती। सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। क्या हुई? सरकार ने कहा था कि 2022 तक सभी को घर मिल जाएगा। क्या मिला? इसलिए अब सरकार की बातों पर भरोसा करना कठिन हो गया है। सरकार अच्छे दिनों का झांसा देकर लगातार गरीबों को धोखा दे रही है।
सरकार करेगी छूट की राशि का भुगतान
मंत्रिमंडल ने अल्पकालिक ऋण चुकाने वाले किसानों के लिए ब्याज सब्सिडी योजना को बनाए रखा है। जिन किसानों ने तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक ऋण लिया है, उन्हें ब्याज पर 1.5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। उसके लिए सरकार ने बजट में 34 हजार 846 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। ब्याज सब्सिडी यानी किसानों को कर्ज के ब्याज भुगतान पर डेढ़ फीसदी की छूट की राशि का भुगतान सीधे कर्ज देने वाले बैंकों और सहकारी समितियों को सरकार करेगी।
दरअसल, 2020 से पहले सरकार किसानों को दो फीसदी ब्याज सब्सिडी प्रदान करती थी। लेकिन 2020 में ब्याज दरें सात फीसदी तक आ जाने के बाद इसे बंद कर दिया गया था। क्योंकि सात फीसदी की दर पर बैंक सीधे किसानों को ऋण प्रदान कर रहे थे। अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी से फिर इस प्रकार की सहायता की जरूरत महसूस की गई। इस फैसले से किसानों को सात फीसदी की दर पर पहले की भांति बैंक ऋण देंगे।
क्या है सबवेंशन योजना?
सरकार की इस योजना के अनुसार, सहकारी समितियों और बैंकों की ओर से किसानों को कम ब्याज दरों पर लघु और दीर्घकालिक ऋण दिया जाता है। कई किसान इस ऋण को समय पर चुकाते हैं और कई किसान किसी कारण से ऋण चुकाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ मिलेगा।
दरअसल, इस योजना में ज्यादा कुछ नया नहीं है। क्योंकि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी सस्ते ऋण उपलब्ध हैं। इस समय सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कम ब्याज पर लोन दे रही है। जिन किसानों के पास क्रेडिट कार्ड नहीं है, वे अपने क्षेत्र में जाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। यदि कोई किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेता है तो उसे चार प्रतिशत की ब्याज दर पर तीन लाख रुपये तक का ऋण पहले से ही मिल रहा है।