Ayurveda and Holistic Healing: प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धतियां आज भी प्रासंगिक हैं। कोरोना महामारी के दौर में इन पर अभिनव प्रयोग किए गए। इसी पर चर्चा के लिए आयोजित एक संगोष्ठी में देश दुनिया के लोग पहुंचे।
Ayurveda and Holistic Healing: आयुर्वेद में भारत की कामयाबी जगजाहिर
इंफोपोस्ट न्यूज
Ayurveda and Holistic Healing: शनिवार को एचएचओ की ओर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया। दुनियाभर से आए लोगों ने शिरकत की। सेमिनार दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान आईटीओ में एचएचओ, डॉ. शाइस्ता खान और विरेंद्र राठी की ओर से आयोजित किया गया। विशेष अतिथियों के रूप में डॉ. मणिवाचकम, डॉ. भूपिंदर शर्मा, आर. एस. कटारिया, डॉ. अनूप नाथ, संजीव गर्ग और एचएचओ सदस्य उपस्थित हुए।
दरअसल, भारत और भारतीय पूरे विश्व में अपनी परंपराओं और सभ्यता के लिए जाने जाते हैं। पर आज आयुर्वेद में भारत की कामयाबी को देश दुनिया लोहा मान रही है। वैसे तो कई संस्थाएं हैं जो इस ओर ध्यान दे रही हैं पर एचएचओ एक ऐसी संस्था है जो पूरी दुनिया में आयुर्वेद और हॉलिस्टिक हीलिंग के जानकार लोगों को एकजुट कर इसे घर घर पहुंचा रही है।
संस्था में अब आम लोगों का भी प्रवेश शुरू
इसी के साथ इस संस्था से आम लोग भी जुड़ रहे हैं। और इसे सीख भी रहे हैं। हाल ही में इस संस्था की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें दुनिया भर के लोगों ने शिरकत की। एचएचओ के डायरेक्टर विरेंद्र राठी और उपाध्यक्ष डॉ. शाइस्ता खान ने लोगों को होलिस्टिक हीलिंग के बारे में बताया और लोगों से जुड़ने की अपील की।
सेमिनार में आए लोगों को होलिस्टिक हीलिंग के फायदे बताए गए। सेमिनार में आए लोगों का जोश बता रहा था कि ये चीज़ उनके लिए बहुत ही दिलचस्प होने वाली है।
क्या है आयुर्वेद और उसकी चिकित्सा पद्धति ?
आयुर्वेद प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धति है। संस्कृत मूल का यह शब्द दो धातुओं के संयोग से बना है। आयु और वेद। आयु का मतलब है लम्बी उम्र और “वेद” का मतलब है विज्ञान। अगर इसको सरल भाषा में समझा जाए तो आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन का विज्ञान है।
एलोपैथिक दवा बीमारी के मूल कारण पर न जाकर इसको दूर करने पर केंद्रित होती है। आयुर्वेद हमें बीमारी के मूलभूत कारणों और इसके समग्र निदान के विषय में भी बताता है।
होलिस्टिक हीलिंग कैसे है लाभदायक?
आज दुनिया में रोगों के इलाज के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। उसी में एक है होलिस्टिक हीलिंग। होलिस्टिक हीलिंग में शरीर के दुख-दर्द संबंधी हर पहलू पर ध्यान दिया जाता है। हर समस्या का हल ढूंढ़ा जाता है। समग्र स्वास्थ्य के लिए प्रकृतिक तरीके से उपचार लेने को ही होलिस्टिक हीलिंग कहा गया है।
नई पीढ़ी भी इस हीलिंग को महत्व देती नज़र आ रही है। इसमें मनुष्य के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाती है।
जो लोग दवा की गोलियां और सिरप पीने से बचना चाहते हैं और ऑपरेशन की काट-छांट से दूर भागते हैं, वही इस उपचार को अपनाते हैं। मुख्य रूप से मनुष्य का शरीर जिन पंचतत्वों से बना है, उन पंचतत्वों के असंतुलन के कारणों को होलिस्टिक हीलर देखता है। उन्हें संतुलित करता है।
शारीरिक असंतुलन का कारण पौष्टिक भोजन न करना
वैसे तो मनुष्य के शारीरिक असंतुलन का कारण पौष्टिक भोजन न करना, व्यायाम की कमी, मानसिक, भावनात्मक और धार्मिक जरूरत का पूरा न होना है। हीलर किसी दवा, उपकरण का प्रयोग नहीं करता। जब भी होलिस्टिक हीलिंग दी जाती है, तब मनुष्य के दिमाग, शरीर, आत्मा और भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
होलिस्टिक हीलर मनुष्य का संपूर्ण जायजा लेता है। उससे संबंधित पूरी जानकारी बटोरता है। तब कोई इलाज बताता है। इसीलिए इलाज से पहले अच्छे होलिस्टिक हीलर का चुनाव भी कुछ वैसे ही करना चाहिए, जैसे अपने इलाज के लिए डॉक्टर का चुनाव करते हैं।
कैसा हो आपका होलिस्टिक हीलर?
अलग-अलग हीलर के एक ही समय में दिए गए उपचार के परिणाम अलग-अलग आते हैं। होलिस्टिक हीलर ऐसा हो, जिस पर आपको पूरा भरोसा हो। दिए जाने वाले उपचार का उसे पूरा ज्ञान होना चाहिए।
हीलर खुले विचारों वाला हो, खुलकर बातें करें और आपको समझे प्यार करने वाला, ध्यान रखने वाला होना भी जरूरी है। होलिस्टिक हीलर डॉ. शाइस्ता खान का कहना है, ‘पूरी दुनिया से लोग हमारे देश में होलिस्टिक हीलिंग लेने और सीखने आते हैं।