Babul Supriyo: राजनीति में कोई किसी का न तो स्थायी दुश्मन होता है और न ही स्थायी मित्र। यह बात आज एक बार फिर साबित हो गई है। क्योंकि पू्र्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बंगाल में टीएमसी का दामन थाम कर भाजपा को बंगाल में जोर का झटका धीरे से लगा दिया दिया है। तभी तो केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा घटा कर जेड से वाई श्रेणी में तब्दील कर दी है।
Babul Supriyo: बाबुल सुप्रियो टीएमसी में, 48 दिन पहले भाजपा से दिया था इस्तीफा
इंफोपोस्ट डेस्क
Babul Supriyo: बाबुल सुप्रियो भाजपा छोड़कर आज तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हाल ही में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन ने सुप्रियो का टीएमसी में स्वागत किया है। बाबुल सुप्रियो ने पहले राजनीति का त्याग किया फिर टीएमसी में शामिल हो गए। उन्होंने 48 दिन पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा से इस्तीफे के ऐलान के बाद बाबुल ने कहा था, “मैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा रहा हूं। हमेशा से भाजपा का सदस्य रहा हूं और रहूंगा। लेकिन कुछ देर बाद ही उन्होंने अपनी पोस्ट एडिट कर दी और उससे हमेशा भाजपा में रहने वाली लाइन हटा दी थी।”
बाबुल को फैसले पर गर्व
टीएमसी में शामिल होने के बाद बाबुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “आज का दिन मेरे लिए बहुत बड़ा है। मुझे जनता की सेवा करने का मौका मिला है। ये सब पिछले चार दिन में हुआ है। ममता पर बंगाल की जनता को भरोसा है। मैं काम करने के लिए टीएमसी से जुड़ा हूं। मुझे अपने इस फैसले पर गर्व है।”
पिछले महीने सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में अपना आधिकारिक आवास खाली कर देंगे। हालांकि बाद में वरिष्ठ नेताओं के काफी समझाने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा न देने की बात कही थी।
अभी लाइन में हैं कई असंतुष्ट भाजपाई
टीएमसी के कुणाल घोष ने बाबुल सुप्रियो के पार्टी में शामिल होने पर खुशी जाहिर की और कहा कि भाजपा के कई नेता टीएमसी नेतृत्व के संपर्क में हैं। वे भाजपा से संतुष्ट नहीं हैं। एक आज शामिल हुए, दूसरा कल शामिल होना चाहता है। यह प्रक्रिया चलती रहेगी। बस देखते जाइए।
बाबुल ने बांग्ला में लिखा था, चोललाम यानी अब चलता हूं…अलविदा! मैंने सब कुछ सुना- पिता, मां, पत्नी, बेटी, एक-दो प्यारे दोस्त। सबकी राय के बाद ऐसा महसूस हुआ कि मुझे अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। हां, लेकिन ये भी साफ कर दूं कि मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूं।
शाह और नड्डा को बताया, भाजपा में क्या महसूस हुआ
मुझे किसी दूसरी पार्टी के नेताओं ने फोन भी नहीं किया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम प्लेयर हूं! हमेशा एक टीम का साथ दिया है। पिछले कुछ दिनों में मैं अमित शाह और जेपी नड्डा जी के पास गया और उन्हें बताया कि मैं क्या महसूस कर रहा हूं।
मैं उनका प्यार कभी नहीं भूल सकता। मेरी हिम्मत नहीं कि उनके पास जाकर ये कहूं। मैंने काफी पहले ही फैसला कर लिया था। तो अब उनके पास जाऊंगा तो लगेगा कि मैं मोलभाव कर रहा हूं। और जब ये ठीक नहीं है तो मैं नहीं चाहता कि उन्हें गलत संकेत मिले।
राजनीति क्यों छोड़ी?
सवाल यह है कि मैंने राजनीति क्यों छोड़ी? क्या इसका मंत्रालय छोड़ने से कोई लेना-देना है? हां है-वहां कुछ होना चाहिए! मैं घबराना नहीं चाहता, इसलिए जैसे ही इस प्रश्न का उत्तर दूंगा, यह ठीक होगा। इससे मुझे भी शांति मिलेगी।
बाबुल सुप्रियो ने लिखा, फ्लाइट में स्वामी रामदेवजी से एक छोटी सी बातचीत हुई थी। मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं आया जब मुझे पता चला कि भाजपा बंगाल में ताकत से तो लड़ेगी, लेकिन एक भी सीट जीतने की उम्मीद नहीं है। ऐसा क्यों सोचा गया।
क्या बंगाल इसके उलट सोचेगा?
बंगाली तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी को भी प्रधानमंत्री चुना गया। इन दोनों को भी बंगाल ने प्यार दिया था। आज देश ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार माननीय नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री चुना। अगले भी वही होंगे। क्या बंगाल इसके उलट सोचेगा? बिल्कुल नहीं।
मैंने वही किया जब मैंने 1992 में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में अपनी नौकरी छोड़ दी। और मुंबई भाग गया। मैंने आज भी वही किया है। तो फिर चलता हूं… हां कुछ बातें बाकी हैं.. शायद किसी दिन बात होगी।