महात्मा गांधी के आह्वान पर 9 अगस्त 1942 के दिन समूचे देश में एक साथ शुरू हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक भूमिका निभाने वाले भारत छोड़ो आंदोलन ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाने का काम किया था। उसी तरह 9 अगस्त 2020 के दिन से ही देश का व्यापारिक संघटन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स “कैट” चीनी सामान के बहिष्कार के लिए ‘चीन भारत छोड़ो अभियान’ की शुरुआत करने जा रहा है।
कैट चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ नाम से एक अभियान चला रहा है। इसी के बैनर तले देशभर के व्यापारी संगठन ‘चीन भारत छोड़ो’ अभियान चलाएंगे। ये व्यापारी सभी राज्यों के लगभग 600 शहरों में सामाजिक दूरी एवं सुरक्षा के सभी नियम का पालन करते हुए सार्वजनिक प्रदर्शन करेंगे।
जिस तरह से चीन ने एक लंबी योजना के तहत पिछले कई वर्षों से भारत के रिटेल बाजार पर कब्जा कर रखा है, उसे देखते हुए तथा बदली परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चीनी उत्पादों से देश के रिटेल बाज़ार को आज़ाद कर आत्मनिर्भर भारतीय बाज़ार बनाना बहुत जरूरी है। चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए कैट ने ‘चीन भारत छोड़ो’ की आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया अभी हाल ही में रक्षाबंधन के त्योहार की हिंदुस्तानी राखी के रूप में मनाने के कैट के अभियान को देश के लोगों ने समर्थन दिया और चीनी राखी का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जिससे चीन को इस बार राखी व्यापार से 4 हज़ार करोड़ रुपए में व्यापार की चपत लगाई है उससे साफ है की यदि देश के लोग संकल्प लेकर चीनी सामान का बहिष्कार करें तो भारत का व्यापार बहुत जल्द चीन से आजादी पा सकता है और कैट के नेतृत्व में देश के 7 करोड़ व्यापारियों ने यह संकल्प मज़बूती से लिया हुआ है।
इस अभियान के अंतर्गत सरकार से मांग की जाएगी कि भारत में 5जी नेटवर्क लागू करने में चीनी कंपनी हुवावे को तुरंत प्रतिबंधित किया जाए तथा जिन चीनी कंपनियों ने देश के स्टार्टअप इकाइयों में निवेश किया है, उन्हें वापस किया जाए और ऐसे स्टार्टअप को आवश्यक वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाए। केन्द्र सरकार ने इस मुद्दे की गम्भीरता से समझते हुए ऐसे सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, जिनसे विभिन्न भारतीय परियोजनाओं में चीनी कम्पनियों की भागीदारी खारिज हुई है. उसी तर्ज पर सीमा से सटे क्षेत्रों, सुरक्षा से सम्बंधित क्षेत्रों, हाइवे और अन्य परियोजनाओं के निर्माण में ऐसी सभी चीनी मशीनों को प्रतिबंधित किया जाए जिसमें आईओटी डिवाइस लगी हैं. ये डिवाइस चीन स्थित कम्पनियों को ऐसी महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा कर सकती हैं, जिनका दुरुपयोग हो सकता है।
कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का ये ऐतिहासिक कदम निश्चित ही व्यापार जगत में छल-कपट से अपनी हुकूमत जमाने वाले चीन की नींव हिलाने का काम करेगा।