Bihar: नीतीश कुमार किंग मेकर नहीं, आनरेरी किंग के रूप में देखे जा रहे हैं। और यह खिताब उन्हें भाजपा से पहले राजद ने भी प्रदान किया था। यह उनका सबसे बड़ा सम्मान और सौभाग्य कहा जा सकता है।
Bihar: पुराने गठबंधन की नई सरकार, पुराना दायित्व और नई चुनौतियां
राजीव कुमार झा
Bihar: किसी भी सरकार को जनमत का प्रतीक माना जाता है। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है। उम्मीद है कि एक बार फिर राज्य में विकास के कार्य तेजी से आगे बढ़ेंगे।
पिछले डेढ़ दशकों में नीतीश कुमार की सरकार के नेतृत्व में बिहार चतुर्दिक उन्नति के साथ अब देश के विकासशील राज्यों की कोटि में शामिल हो गया है। और नई सरकार को कृषि क्षेत्र के विकास के साथ बाढ़ नियंत्रण के सुचारु और कारगर उपाय करने होंगे।
इसके अलावा नई सरकार को लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा और उत्थान के उपाय करने होंगे। इस चुनाव में महिलाओं ने उत्साह से भाग लिया है। नई सरकार को राज्य में बेरोजगारी की समस्या के समाधान पर भी ध्यान देना होगा।
राजद बिहार का सबसे बड़ा दल
इस चुनाव में तेजस्वी यादव की पार्टी राजद सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आई है। युवा वर्ग के अलावा पिछड़े तबके के लोगों ने इनके प्रति समर्थन प्रकट किया है। लोकतंत्र में विपक्ष को सरकार के कामकाज की निगरानी का अधिकार है। इसीलिए सरकार के कामकाज में समाज के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण की भावना का समावेश होना चाहिए।
नीतीश कुमार की सरकार को पिछले पंद्रह सालों के अपने कामकाज के दौरान बिहार में नक्सलवाद और अपराध पर भी नियंत्रण करने में सफलता मिली है। इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा और परिवहन व्यवस्था के लिए आधारभूत ढांचे को भी विकसित करने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता मिली है।
बेहतर तालमेल का अवसर
गठबंधन सरकार के रूप में बिहार की नई सरकार को बेहतर तालमेल का अवसर मिला है। और इस सरकार को अपने चुनाव घोषणा पत्र को अमलीजामा पहनाने के काम में अब संलग्न होना होगा। नई सरकार से बिहारवासियों की ये सबसे बड़ी आकांक्षा है।
दरअसल, बिहार एक पिछड़ा राज्य है। और इसके पुराने ढांचे में बदलाव की जरूरत है। इसमें अब कोई दो राय नहीं कि यहां लालू प्रसाद के दौर में फैली अराजकता और कुशासन का खात्मा हो चुका है। लेकिन विकास योजनाओं में भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है। जातीय पूर्वाग्रहों से रहित प्रशासन को सुचारु और प्रभावी बनाना नई सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के चुनाव परिणामों ने प्रदेश की राजनीति में सत्ता के दो वैकल्पिक केंद्र राजद और भाजपा को आमने—सामने ला दिया है। और आने वाले समय में नीतीश कुमार को भी जदयू के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने पर ध्यान देना होगा।
नीतीश कुमार सर्वमान्य नेता
फिलहाल नीतीश कुमार किंग मेकर नहीं बल्कि आनरेरी किंग के रूप में देखे जा रहे हैं। और यह खिताब उन्हें भाजपा से पहले राजद ने भी प्रदान किया था। यह उनका सबसे बड़ा सम्मान और सौभाग्य कहा जा सकता है।
इसके मूल में सुशासन बाबू के रूप में जनता के बीच उनकी विश्वसनीय छवि रही है। इसी की बुनियाद पर इस विधानसभा चुनाव में राजग ने महत्वपूर्ण जीत दर्ज की है। नीतीश कुमार सचमुच बिहार के सर्वमान्य नेता हैं।