इंफोपोस्ट डेस्क, नयी दिल्ली। Canadian Hindus threatened :
खालिस्तान आंदोलन को आगे बढ़ाने वाले गुरवंत सिंह पन्नू ने कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को धमकाया है। पन्नू ने साफ कहा है कि भारतीय-कनाडाई हिंदुओं को कनाडा छोड़कर चले जाने में ही भलाई है।
इधर पन्नू की धमकियों के बावजूद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो चुपचाप बैठे हुए हैं। बता दें कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनातनी जारी है। हाल ही में पन्नू का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसे भारत को धमकाते हुए देखा जा सकता है।
Canadian Hindus threatened :इसके साथ ही उसने 29 अक्टूबर के वैंकुवर में जनमत संग्रह के लिए कनाडा में बसे सिखों से वोटिंग करने के लिए कहा है। पन्नू का वीडियो सुनकर सन् 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ जो गुजरा था, वो वाकया याद आ जाएगा।
गौरतलब है कि पन्नू को भारत ने आतंकी घोषित किया हुआ है। पन्नू यह को कहते हुए सुना जा सकता है, भारतीय-हिंदुओं ने कनाडा के संविधान का अपमान किया है। इसलिए कनाडा को छोड़ दो, भारत चले जाओ। खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा कनाडा के प्रति वफादार रहे हैं और उन्होंने हमेशा कनाडा का पक्ष लिया है। उन्होंने कनाडा के संविधान और कानून का सम्मान किया है।
यहां गौरतलब है कि भारत ने एसएफजे को साल 2019 में बैन कर दिया था। वीडियो में पन्नू कहता है, अक्टूबर 29 को किल इंडिया कैंपेन में हिस्सा लेने के लिए सभी सिखों को वैंकुवर में रहने की अपील करता हूं। वह वोट करें कि भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा हरदीप सिंह निज्जर के लिए जिम्मेदार हैं?
Canadian Hindus threatened : वीडियो के बाद हिंदू मूल की कनाडा की मंत्री अनीता आनंद ने शांति की अपील की है। एक पोस्ट में एक्स पर,आनंद ने कहा कि दक्षिण एशियाई और भारत से आने वाले परिवार, धर्म की परवाह किए बिना, इस भावना को साझा करेंगे कि ट्रूडो के बयान को सुनना मुश्किल था। उन्होंने कहा, यह कानूनी प्रक्रिया को जारी रखने का समय है।
Canadian Hindus threatened : सभी शांत, एकजुट और सहानुभूतिशील रहें। बता दें कि पन्नू का यह वीडियो तब आया है जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या के लिए भारत सरकार के एजेंट्स को जिम्मेदार ठहराया है। ट्रूडो ने देश की संसद में कहा कि 18 जून को हुई निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध था। इन गंभीर आरोपों के कारण दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों को देश से निकाल दिया गया है।