
इंफोपोस्ट डेस्क, नयी दिल्ली। Chandrayaan-3 :
Chandrayaan-3 : हमारा भारत फिर से चांद पर कदम रखने जा रहा है। चंद्रयान—3 अपनी तीव्र गति से चांद की ओर बढ़ रहा है। लैंडर विक्रम ने चंदा मामा की तस्वीर भेजी है। इन तस्वीरों को देखकर अपने देश का सीना गर्व की अनुभूति कर रहा है। देश के नन्हे मुन्ने बच्चे अपने प्यारे चंदा मामा की तस्वीरें देख कर खुश हो रहे हैं। कुछ तो कह रहे हैं— मम्मी मैं भी चंदा मामा के पास जाउंगा। देशवासी इतने खुश हैं कि वे कल मिठाई बांटने तक की तैयारी कर चुके हैं।
इसरो ने आज ट्वीट कर बताया कि मिशन एकदम तय समय पर है। सभी सिस्टम की जांच परख की जा रही है, ताकि कोई चूक न हो जाए। इसरो ने ट्वीट में कहा है कि बेंगलुरु में मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स में जोश हाई है। जबरदस्त उत्साह का माहौल है।
Chandrayaan-3 :चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए इसरो (ISRO) ने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन इस सॉफ्ट लैंडिंग में एक मौका ऐसा भी है जब इसरो का खुद चंद्रयान-3 पर कंट्रोल नहीं होगा। लैंडिंग में आखिरी के 15 मिनट अहम हैं। इस अहम समय से निपटने के लिए इसरो पूरी तरह से तैयार है। यही वो आखिरी 15 मिनट होंगे जब लैंडर और रोवर को इसरो के कंट्रोल रूम से कोई कमांड नहीं दी जा सकेगी। लैंडर विक्रम को अपनी सुरक्षित और सफल लैंडिंग के लिए खुद ही कुछ काम करने होंगे यानी लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट के वक्त सारी जिम्मेदारी लैंडर विक्रम के कंधो पर होगी।
ऐसे होगी लैंडिंग
शाम 5.45 पर चार चरणों में शुरू प्रक्रिया होगी. पहले चरण में चांद की सतह से 7.4 Km की ऊंचाई पर आएगा। डीबूस्टिंग कर गति को कम किया जाएगा। दूसरे चरण में ऊंचाई 6.8 किमी की जाएगी। दूसरे चरण में गति 336 मीटर प्रति सेकेंड हो जाएगी। तीसरे चरण में 800 मीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। लैंडिंग स्थल का सेंसर मुआयना करेंगे। 150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर पहुंचेगा।
आखिरी चरण में पहले 60 मीटर फिर 10 मीटर की ऊंचाई पर होगा। आखिरी चरण में गति सिर्फ 1 या 2 मीटर प्रति सेकेंड की होगी। चांद की सतह पर लैंडिंग होगी। धूल शांत होने पर वो कम्यूनिकेट करेगा। रोवर रैंप से चांद की सतह पर आएगा।
आखिरी 15 मिनट में यह होगा
Chandrayaan-3 : 30 किलोमीटर की ऊंचाई से सहज यात्रा शुरू करने के बाद लैंडर का पहला पड़ाव तब आएगा जब चांद की सतह से उसकी ऊंचाई 7.4 किमी रह जाएगी। 7.4 किमी पर उसकी गति धीमी की जाएगी और वहां से लगभग 45 सेकेंड में वह 5.5 किमी की ऊंचाई तक पहुंचेगा। 5.5 किलोमीटर पर पहुंचने के बाद दो इंजन बंद कर दिए जाएंगे और लैंडर आगे की यात्रा दो इंजन के सहारे तय करेगा। 5.5 किमी से 400 मीटर तक की यात्रा लैंडर लगभग 89 सेकेंड में पूरा करेगा।
45 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा
400 मीटर की ऊंचाई तक लैंडर विक्रम 45 डिग्री के कोण पर झुका रहेगा। यहां उसका क्षैतिज वेग शून्य कर दिया जाएगा जिससे लैंडर के चारों लेग चांद की सतह की सीध में हो जाएंगे। यहां लैंडर लगभग 12 सेकेंड तक मंडराता रहेगा। 400 मीटर की ऊंचाई से लगभग 66 सेकेंड में वह 100 मीटर तक की ऊंचाई तक आएगा। यहां वह लगभग 22 सेकेंड तक मंडराता रहेगा।
100 मीटर से लैंडर की यात्रा 10 मीटर पर आकर ठहरेगी जहां विक्रम के मध्य का इंजन चालू किया जाएगा यानी, यहां से विक्रम के तीन इंजन सक्रिय होंगे। 10 मीटर की ऊंचाई से लैंडर 4 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा जहां कोने पर चालू दोनों इंजन बंद कर दिए जाएंगे और सिर्फ मध्य में स्थित एक इंजन के सहारे वह चांद की सतह पर उतरेगा। चांद पर उतरने के 4 घंटे बाद लैंडर से रोवर निकलेगा.
कल शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर उतरेगा
Chandrayaan-3 : भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि लैंडर विक्रम के चांद की सतह पर लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट कल शाम 5 बजकर 20 मिनट से किया जाएगा। इसरो ने बताया कि लैंडर पोजीशन डिटेक्शन कैमरा के जरिए चांद की कई तस्वीर ली गई है।
लैंडर विक्रम 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर उतरेगा। बेंगलुरु के कंट्रोल रूम के सभी वैज्ञानिक अंतिम तैयारी में जुट गए हैं। इसरो ने कहा कि सभी तैयारियों की अंतिम जांच की जा रही है। इसके बाद मिशन का फाइनल काउंटडाउन शुरू हो जाएगा। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि टीम अब अंतिम चरण में जुट गई है।