Dance Music Artists: डांस आर्टिस्ट नृत्यांगना रेखा मेहरा ने कहा है कि आज़ादी हमें बड़ी मेहनत से मिली है। उसको संजोकर रखना हम सबका कर्तव्य है। क्योंकि उसको पाने के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानी दी है।
Dance Music Artists: आजादी के संघर्ष को कला संस्कृति के मंच पर लाने के प्रयास
इंफोपोस्ट न्यूज
Dance Music Artists: रेखा मेहरा ने कहा, आज़ादी को हम अपनी कला संस्कृति के जरिये एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। वह पिछले कई वर्षों से अपनी डांस एकडेमी उर्वशी डांस म्यूजिक आर्ट व कल्चरल सोसायटी चला रही हैं। उसमें तकरीबन 100 से ज्यादा बच्चे नृत्य शैली में परांगत हो चुके हैं।
उनके स्कूल में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो गरीब तबके के हैं। उनको बिना कोई फीस लिए वह नृत्य सिखाती हैं। उर्वशी डांस म्यूजिक आर्ट व कल्चरल सोसायटी और पावर फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से आज़ादी के अमृत पर्व का आयोजन किया गया।
आजादी की कहानियों की प्रस्तुति
आज़ादी से पहले 1947 से लेकर अब तक भारत में जो कुछ हुआ है, उसकी झलक प्रस्तुत की गई। रामायण, महाभारत, झाँसी की रानी से लेकर भारत की डिजिटल क्रांति, कोरोना से लेकर किसान आंदोलन तक बेहद खूबसूरती से भारतीय नृत्य परम्परा, क्लासिकल और फोक व छाऊ नृत्य को सम्मिलित किया गया है।
आयोजन आज़ाद भवन में किया गया, जिसको ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से दिखाया गया। इस नृत्य में हमने ज्यादातर नए कलाकरों को लिया। रेखा मेहरा का मानना है कि आज हम जिस समाज में रह रहे हैं, उस समाज के प्रति हमारी जो जिम्मेदारी है उसको हम अपनी कला के माध्यम से निभाने की कोशिश कर रहे हैं।
कला और संस्कृति का महत्व
दरअसल, कला और संस्कृति किसी भी देश के विकास में सहायक होती है। क्योंकि इससे साझा दृष्टिकोण, मूल्य, प्रथा एवं एक निश्चित लक्ष्य से रूबरू हुआ जा सकता है। सभी आर्थिक, सामाजिक और अन्य गतिविधियों में संस्कृति एवं रचनात्मकता का समावेश होता है।
भारत की बात करें तो वह अपनी विभिन्न संस्कृतियों के लिए जाना जाता है। भारत में गीत-संगीत, नृत्य, नाटक-कला, लोक परंपराओं, कला-प्रदर्शन, धार्मिक-संस्कारों, अनुष्ठानों, चित्रकारी और लेखन के क्षेत्रों में एक बहुत बड़ा संग्रह मौजूद है।
अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
इसे मानवता की ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ के रूप में जाना जाता है। इनके संरक्षण के लिए संस्कृति मंत्रालय ने विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं को कार्यान्वित किया है। उद्देश्य कला-प्रदर्शन, दर्शन एवं साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय व्यक्तियों, समूहों एवं सांस्कृतिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
भारत की सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन स्मारकों, साहित्य, दर्शन, विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, कला-प्रदर्शनों, मेले, त्यौहारों एवं हस्तकला के बारे में विस्तृत जानकारी देने के प्रयास किए जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति के उन्नयन एवं प्रचार-प्रसार में शामिल विभिन्न संस्थाओं की जानकारी भी दी जाती है।