
Degradation and bargaining of dead bodies: आक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमित मरीजों को मरने के लिए मजबूर करने वाले लोग तो हत्यारे हैं ही। पर जो लोग शवों पर सौदेबाजी कर रहे हैं उन्हें क्या कहा जाए? आज चर्चा इसी पर।
Degradation and bargaining of dead bodies: ये कैसी सभ्यता?
चरण सिंह राजपूत
Degradation and bargaining of dead bodies: जिनके राज में शवों का सौदा हो रहा है, उन्हें क्या कहा जाए? शव को कंधा दिलाने, मुंह दिखाने के नाम पर पैसा लेना कहां की सभ्यता, कहां के संस्कार औेर कहां की संस्कृति है?
कानपुर से आ रही खबरों में मोर्चरी हाउस में शव को कंधा देने के नाम पर 500 रुपये और मुंह दिखाने के 1000 रुपये वसूले जा रहे हैं। क्या इन सब बातों की जानकारी शासन-प्रशासन को नहीं है? कानपुर में यदि ऐसा हो रहा है तो शासन-प्रशासन क्या कर रहा है?
क्या कर रही है योगी सरकार?
डीएम, एसडीएम, एसएसपी, सीएमओ सबके सब क्या कर रहे हैं? योगी सरकार क्या कर रही है? योगी सरकार में कई जिलों से ऐसी खबरें आती रही हैं कि डीएम काम शुरू करने से पहले अपने स्टाफ के साथ पूजा-पाठ करता है।
योगी सरकार में हिन्दू धर्म का बड़ा राग अलापा जाता है। क्या हिन्दू धर्म में ऐसे ही शवों की दुर्गति की जाती है? क्या हिन्दू धर्म में शव के नाम पर उगाही की कोई जगह है? योगी जी क्या जय श्रीराम बोल लेने मात्र से हिंदू धर्म का सम्मान हो जाएगा? क्या गेरुआ वस्त्र पहन लेने से आदमी हिन्दू धर्म का ठेकेदार बन जाता है?
उत्तर प्रदेश की नदियों में अनगिनत शव
क्या इस संस्कृति के बलबूते अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है? क्या यह है योगी का रामराज? क्या रामराज में ऐसे ही शवों की दुर्गति होती थी? उत्तर प्रदेश की नदियों में अनगिनत शव बह रहे हैं। बिहार सरकार भी उत्तर प्रदेश सरकार पर शवों को बहा देने का आरोप लगा रही है।
योगी जी क्या रामराज में ऐसे ही शवों की दुर्गति हुई थी? राम ने तो अपने दुश्मन रावण और उसके भाई बंधुओं के शवों का भी सम्मान किया था। फिर यह कैसा रामराज है? क्या योगी जी इस रामराज पर नाज कर रहे हैं? क्या इस रामराज के बलबूते योगी आदित्यनाथ को मोदी के बाद प्रधानमंत्री के लिए दूसरी पसंद बताया जा रहा है?
आक्सीजन की कमी का रोना
खुद योगी के विधायक प्रदेश में आक्सीजन की कमी का रोना रो रहे हैं। बेडों की कमी की वजह से व्यवस्था चरमराने की बात कर रहे हैं। खुद योगी के अपने विधायक स्वर्ग सिधार रहे हैं पर योगी हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश में रामराज नजर आ रहा है।
योगी जी पिछले साल तो उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात की वजह से कोरोना कहर बरपा रहा था। इस बार कौन बरपा रहा है? आपको बंगाल चुनाव की चिंता थी पर अपने उत्तर प्रदेश में कोरोना के कहर से लोगों को बचाने की नहीं।
रोड पर चल रहा बेबस आदमी
बस सब सरकारें एक बात सीख रही हैं कि लॉकडाउन लगा दो। थोड़ा बहुत रोजगार लोगों का चल रहा हो तो उसे भी छीन लो। रोड पर चल रहा बेबस आदमी कोरोना फैला रहा है पर शराब की दुकानों पर लगी भारी भीड़ से कोरोना नहीं फैल रहा है।
जैसे कि पंचायत चुनाव से नहीं फैला है। वह बात दूसरी है कि सैकड़ों शिक्षकों की बलि पंचायत चुनाव के नाम पर ले ली गई। राशन की दुकानें बंद रहेंगी और शराब की दुकानें खुलेंगी। यह है योगी का रामराज।
राम तो गरीब गुरबों की चिंता करते थे। पर योगी के रामराज में तो अमीरों की चिंता की जा रही है। राम जनता के लिए फिक्रमंद रहते थे और योगी के रामराज में सरकार अपने राजस्व की चिंता कर रही है। लोगों की रोजी-रोटी जाए भाड़ में। सरकार को इससे क्या लेना देना?