
Given the numbers game for the Government of National Capital Territory of Delhi Bill, the NDA does not see much difficulty in both the Houses
Delhi Government (Amendment) Bill 2023: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक के लिए नंबर गेम को देखते हुए एनडीए को संसद के दोनों सदनों में ज्यादा मुश्किल नहीं दिख रही है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी का दावा है कि यह विधेयक राज्यसभा में गिर जाएगा
इंफोपोस्ट डेस्क।
नई दिल्ली। Delhi Government (Amendment) Bill 2023: दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार से संबंधित विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। इस विधेयक को कुछ बदलावों के साथ पेश किया गया है। दिल्ली सेवा विधेयक अध्यादेश की जगह लेगा। आधिकारिक रूप से इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 नाम दिया गया है। मोदी सरकार संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक के पारित होने को लेकर आश्वस्त है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) समेत कुछ विपक्षी दलों का कहना है कि ये विधेयक राज्यसभा में गिर जाएगा। AAP को इस विधेयक पर कई विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। हालांकि, टीडीपी, बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन कर संसद में सरकार की स्थिति मजबूत कर दी है। आपको बताते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में नंबरगेम क्या है?
लोकसभा में कोई दिक्कत नहीं
Delhi Government (Amendment) Bill 2023: दिल्ली सेवा विधेयक का लोकसभा में आसानी से पास होना तय है। बीजेपी के पास अकेले 301 सदस्य हैं। बात एनडीए की करें तो इसके सांसदों का आंकड़ा 330 के पार पहुंच जाता है। ऐसे में इस विधेयक को लोकसभा में पास कराने में कोई मुश्किल नहीं होगी। वहीं, विधेयक का समर्थन करने वाली वाईएसआर कांग्रेस के 22, बीजेडी के 12, जबकि टीडीपी के कुल तीन लोकसभा सांसद हैं।
राज्यसभा में भी मुश्किल नहीं
Delhi Government (Amendment) Bill 2023:मोदी सरकार के लिए राज्यसभा में भी इस विधेयक को पास कराने में कोई मुश्किल नहीं दिखाई दे रही है। वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी, दोनों पार्टियों के राज्यसभा में नौ-नौ सदस्य हैं। वहीं, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (आइएनडीआइए) गठबंधन की पार्टियों के कुल 101 सांसद ही राज्यसभा में हैं। बीआरएस के सात सदस्यों और निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल का साथ मिलने से विधेयक का विरोध करने वाले सदस्यों की संख्या 109 तक ही पहुंचती है।
एनडीए के 111 सदस्य और बीजेडी व वाइएसआर कांग्रेस के 18 सदस्यों को जोड़कर विधेयक का समर्थन करने वालों सदस्यों की संख्या 129 हो जाएगी। ऐसे में दोनों सदनों में दिल्ली सेवा विधेयक को पास कराने की सरकार की राह आसान दिख रही है।