
इंफोपोस्ट डेस्क।
नयी दिल्ली। Delhi Ordinance Bill: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश को कल यानी 7 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल पर कल सदन में चर्चा हो सकती है। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने पत्र जारी करते हुए बताया कि 7 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली अध्यादेश बिल को राज्यसभा में पेश करेंगे। बता दें कि दिल्ली अध्यादेश वाले बिल को पहले ही लेकसभा से पास कराया जा चुका है। राज्यसभा से पास होने के बाद यह मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा जहां से पास होते ही यह कानून बन जाएगा। केजरीवाल ही नहीं केंद्र सरकार के लिए भी यह किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।
लोकसभा से हो चुका है पास
सबसे पहले दिल्ली अध्यादेश बिल को लोकसभा से आसानी से पास करा लिया गया। इस बिल पर चर्चा के बाद हुए मतदान में विपक्ष को असफलता हाथ लगी। बिल को 7 अगस्त यानी सोमवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अमित शाह इस बिल को पेश करेंगे। चर्चा के बाद मतदान होगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। वहां से अप्रूवल के बाद एक गैजेट जारी होगा जिसके बाद यह पूरी तरह से कानून की शक्ल ले लेगा। विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी विधेयक पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।
केंद्र सरकार के लिए यह अग्निपरीक्षा
Delhi Ordinance Bill: केंद्र सरकार के लाए दिल्ली अध्यादेश का सबसे ज्यादा विरोध सीएम केजरीवाल कर रहे हैं। यह बिल दिल्ली में समूह-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर एवं पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकार के गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश का स्थान लेगा। इसके बाद केजरीवाल सरकार सीधे फैसला न लेकर एलजी से परमिशन लेनी होगी। इस बिल को राज्यसभा में गिराने के लिए सीएम केजरीवाल अब तक सभी विपक्षी पार्टियों से मुलाकात कर चुके हैं। कल का दिन उनके लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी।
नंबर गेम की बात करें तो बीजेपी के पास 238 में से 92 सांसद हैं। बिल को पास कराने के लिए 119 सांसदों का सपोर्ट चाहिए। खबर यह है कि वाईएसआर और बीजू जनता दल के पास 9-9 सांसद हैं। एनडीए के बाकी सहयोगियों की बात करें तो एआइडीएमके के पास 4, आरपीआई के पास, टीडीपी के पास 1, असम गण परिषद के पास 1, पट्टाली मक्कल काची के पास 1, तमिल मनीला कांग्रेस के पास 1, एनपीपी के पास 1, एमएनएफ के पास 1 और यूपीपी के पास 1 सांसद हैं।
विपक्ष में कांग्रेस के 31 सांसद हैं। विपक्षी पार्टियों की बात करें तो कांग्रेस के अलावा टीएमसी के 1, आम आदमी पार्टी के 10, डीएमके के 10, सीपीआई एम के 5, जेडीयू के 5, शिवसेना(UBT) के 4, एनसीपी (शरद पवार गुट) के 3, जेएमएम के 2, सीपीआई के 2, आईयूएमएल केरल कांग्रेस के 1, आरएलडी के 1 और एमडीएमके के 1 सासंद हैं।