हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शिव ने सांप को अपने गले में धारण कर और विष्णुजी ने शेष शयन करके नाग के महत्व को दर्शाया है। वैदिक युग से ही नाग पूजा का प्रारंभ माना जाता है। इसीलिए नाग जाति का इतिहास भारत के प्राचीन गौरव का प्रतीक है। भारतीय जनमानस में नाग से जुड़ीं कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं, लेकिन इनमें कितनी सच्चाई है, यह आज भी खोज का विषय बना हुआ है।
1. नागलोक होता है, जहां नाग मानव रहते हैं। 2. इच्छाधारी नाग होते हैं, जो रूप बदल सकते हैं। 3. कुछ दुर्लभ नागों के सिर पर मणि होती है। 4. नागों की स्मरण शक्ति तेज होती है। 5. 100 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद नागों में उड़ने की शक्ति आ जाती है। 6. 100 वर्ष की उम्र के बाद नागों में दाढ़ी-मूंछ निकल आती है।
7. नाग किसी के भी शरीर में आ सकते हैं। 8. नाग-नागिन बदला लेते हैं। 9. नाग प्रजाति का अजगर दूर से ही किसी को भी अपनी नाक से खींचने की ताकत रखता है। 10. नाग खुद का बिल नहीं बनाता, वह चूहों के बिल में रहता है।
11. नाग जमीन के अंदर गढ़े धन की रक्षा करता है। इसे ‘नाग चौकी’ कहा जाता है। 12. नागों में मनुष्य को सम्मोहित कर देने की शक्ति होती है। 13. नाग संगीत सुनकर झूमने लगते हैं। 14. नाग को मारना या नागों की लड़ाई या नाग-नागिन का प्रेम में लिप्त जोड़ा देखना पाप है। 15. कुछ नाग पांव वाले होते हैं। 16. गुप्त धन की रक्षा के लिए भी नागदेवता की तस्वीर या धातु से बनी प्रतिमा की पूजा की जाती है।
17.घर में सुख-शांति के लिए नागपंचमी के दिन अष्टधातु का कड़ा पहनने की मान्यता है। 18. नागदेवता को प्रसन्न करने के लिए नागपंचमी की पूजा की जाती है। 19. बड़े सांप, नाग आदि शिव का अवतार माने जाते हैं। 20. नाग की केंचुल दरवाजे के ऊपर रखने से घर को नजर नहीं लगती।
आज का पंचांग-शुभ मुहूर्त
विक्रम संवत्-2077, हिजरी सन्-1440-41, ईस्वी सन्-2020। अयन-दक्षिणायण। मास-श्रावण।पक्ष-शुक्ल। ऋतु-वर्षा। संवत्सर नाम-प्रमादी। वार-शनिवार। तिथि (सूर्योदयकालीन)-पंचमी। नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराषाढ़ा। योग (सूर्योदयकालीन)-शिव। करण (सूर्योदयकालीन)-बालव। लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क। शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक। राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक। दिशा शूल-पूर्व। योगिनी वास-दक्षिण। गुरु तारा-उदित। शुक्र तारा-उदित। चंद्र स्थिति-कन्या। व्रत/मुहूर्त-नागपंचमी। यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें। आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:। आज का उपाय-शनि मंदिर में इमरती चढाएं। वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
क्या कहते हैं आपके सितारे
मेष: उपाय-‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करें। सुख के साधन जुटेंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमों की चर्चा संभव है। संतान की रोजी-रोटी की चिंता समाप्त होने के योग हैं। व्यापार अच्छा चलेगा।
वृषभ: उपाय-‘ॐ चं चन्द्रमसे नम:’ का जप करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। विवाद न करें। उतावली में कोई काम न करें। पुरानी संपत्ति के रख-रखाव पर धन खर्च हो सकता है। सामाजिक, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई की चिंता रहेगी।
मिथुन: उपाय-‘ॐ रां राहवे नम:’ का जप करें। विवाद से क्लेश होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक करेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव लाभकारी रहेंगे। सही समय पर लिए गए फैसले लाभ दिला सकते हैं। आवास संबंधी समस्या हल होने के योग हैं।
कर्क: उपाय-‘ॐ रां राहवे नम:’ का जप करें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। घर-बाहर तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। संपत्ति के कार्य लाभप्रद रहेंगे। भावनात्मक संबंधों में जल्दबाजी में निर्णय न लें। अधिकारी आपकी कार्यशैली से नाराज हो सकते हैं। परिश्रम के अनुरूप सफलता नहीं मिलेगी। संतान की इच्छा पूरी होगी।
सिंह: उपाय-‘ॐ रां राहवे नम:’ का जप करें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी सफल रहेंगे। धनार्जन होगा। पूँजी निवेश संबंधी कार्यों में सावधानी रखें। आत्मविश्वास बना रहेगा। कारोबार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। पारिवारिक समस्याओं को प्राथमिकता से हल करें।
कन्या: उपाय-‘ॐ सों सोमाय नम:’ का जप करें। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। काम का बोझ कम करने के लिए जिम्मेदारियों को बाँटना आवश्यक है। आर्थिक कामों में परेशानी आने की संभावना है। दूसरों के काम में व्यर्थ मीन-मेख न निकालें।
तुला: उपाय-‘ॐ बृं बृहस्पतये नम:’ का जप करें। प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। प्रसन्नता बढ़ेगी। कारोबार में वांछित तेजी आने की संभावना रहेगी। विवेक से निर्णय करने पर लाभ एवं सफलता प्राप्त हो सकेगी। नए कार्य का आरंभ लाभदायी रहेगा।
वृश्चिक: उपाय-‘ॐ बृं बृहस्पतये नम:’ का जप करें। लेन-देन में सावधानी रखें। मेहमानों का आगमन होगा। शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। धनार्जन होगा। रोजगार के बेहतर अवसर मिलने से आय बढ़ेगी। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। प्रसन्नतावर्धक समाचार मिलेंगे। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।
धनु: उपाय-‘ॐ अं अंगारकाय नम:’ का जप करें। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। मेहनत व लगन से कार्यक्षेत्र में बेहतर सफलता हासिल कर सकेंगे। अपने व्यसनों पर काबू रखना चाहिए। विवाह संबंधी प्रस्ताव आएँगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मकर: उपाय-‘ॐ चं चन्द्रमसे नम:’ का जप करें। कोई मुसीबत आ सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। फालतू खर्च होगा। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक योजना के विस्तार में मित्रों से मदद मिलेगी। पुरानी झंझटों से राहत रह पाएगी। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखना होगा। व्यस्तता रहेगी।
कुंभ: उपाय-‘ॐ ह्रीं सूर्याय नम:’ का जप करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। धनार्जन होगा। घर की चिंता रहेगी। विरोधी भी आपसे प्रभावित होंगे। कला के क्षेत्र में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। सरकारी राज्यपक्ष के कामों में पर्याप्त सावधानी रखें। मित्रों से मदद मिलेगी।
मीन: उपाय-‘ॐ रां राहवे नम:’ का जप करें। शत्रु परास्त होंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखें। नए अनुबंध हो सकते हैं। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। साझेदारी में शुरू किया गया कार्य लाभ के अवसरों को बढ़ा सकता है। स्थायी संपत्ति खरीदने का मन बनेगा। दांपत्य जीवन में विश्वास बढ़ेगा। कामकाज की गति बनी रहेगी।