
Disaster: गुजरात के जूनागढ़ में बादल फटने के बाद गाड़ियां और मवेशी तिनके की तरह बहते नजर आए। शनिवार को चार घंटे में 10 इंच बारिश हुई थी। अगले दिन यानी रविवार को भी जूनागढ़ बाढ़ के पानी में डूबा रहा। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी भारी जलजमाव हो गया था और पार्किंग को लेकर भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
Disaster: पहली बार जूनागढ़ में खौफनाक मंजर
इंफोपोस्ट डेस्क
Disaster: पहली बार जूनागढ़ में इस तरह का खौफनाक दृश्य देखने को मिले। गाड़ियां पानी में तैरती नजर आईं और लोगों के घरों में भी पानी घुस गया। नवसारी और जूनागढ़ जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जूनागढ़ में पानी का बहाव इतना तेज था कि बुजुर्ग पानी में बहने लगा। हालांकि गुजरात पुलिस के जवानों ने बुजुर्ग को बचा लिया।
कई इलाकों में सैकड़ों कच्चे मकान गिर गए हैं। वहीं, जो इलाके पानी में डूब गए थे, वहां लोगों का सारा सामान बर्बाद हो चुका है। बाढ़ की चपेट में आए सैकड़ों जानवरों के शव भी मिले हैं। मौसम विभाग ने भावनगर, नवसारी, जूनागढ़ और वलसाड में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए जूनागढ़ जिले में धारा 144 लगा दी गई है। लोगों से 24 जुलाई की रात तक बेवजह घर से न निकलने को कहा गया है।
कई आवासीय क्षेत्रों और बाजारों में भर गया पानी
बारिश के कारण कई आवासीय क्षेत्रों और बाजारों में पानी भर गया। लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के लिए कमर तक पानी में चलते हुए नजर आए। राज्य आपात अभियान केंद्र के मुताबिक, जिले के नवसारी और जलालपोर तालुका में सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक क्रमश: 303 और 276 मिलीमीटर बारिश हुई है। देवभूमि द्वारका, भावनगर, भरूच, सूरत, तापी, वलसाड और अमरेली ऐसे कई जिले हैं जहां शनिवार को भारी बारिश हुई।
मौसम विभाग ने 22 जुलाई से 26 जुलाई तक उत्तरी गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में मछली पकड़ने के लिए न जाने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने 23 जुलाई को भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जूनागढ़ और आसपास के सभी पर्यटन स्थलों पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लोगों से बांधों और चेकडैम से दूर रहने को कहा गया है।
एक व्यक्ति और 30 से ज्यादा जानवरों की मौत
शनिवार को मूसलाधार बारिश से जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के पास दीवार गिरने से सुरेश खीमाभाई नाम के 45 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई। शहर के दुर्वेशनगर, गणेश नगर, जोशीपारा में सबसे ज्यादा पानी भरा था। इन्हीं इलाकों में सैकड़ों कच्चे मकान ढह गए हैं। वहीं, भवनाथ इलाके में पशुशाला में बाढ़ का पानी भरने से 30 से ज्यादा जानवरों की बहने से मौत हो गई।
अचानक बरसात के बाद बस्तियों में भरा पानी अब तक नहीं निकल पाया है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार काम कर रही हैं। लोगों को जरूरी सामान के साथ सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है। हालांकि, अब भी कई इलाकों में लोग बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं।
बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगे स्थानीय लोग
Disaster: बाढ़ में फंसे लोगों को रिलीफ कैंप पहुंचाया गया है। जहां स्थानीय लोग उनके खाने-पीने का ध्यान रख रहे हैं। रविवार सुबह से कई लोग ही रिलीफ कैंप में बच्चों के लिए दूध और बाकी लोगों के लिए खाने का सामान लेकर पहुंच गए थे। इस काम में कई संस्थाएं भी मदद कर रही हैं।
सूरत के करीब नवसारी जिले में चार घंटे में 6 इंच बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। निचले इलाकों में घरों में 5 फीट तक पानी भर गया है। सड़कें पानी में डूब गई हैं। गिरनार और दातार पर्वत पर भारी बारिश के कारण कालवा नदी उफान पर है। दुकानों और घरों में पांच फीट तक पानी भर गया। गैस एजेंसी के गोदाम में रखे 50 से ज्यादा सिलेंडर बह गए।