हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि समुद्र मंथन में 14 रत्न मिले थे। उनमें एक शंख भी था। शंख से घर में सुख-समृद्धि आती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि घर में शंख बजाने से दोष दूर होते हैं। शंख बजाना सेहत के लिए भी अच्छा होता है। इससे सांस और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है। शंख बजाने से फेफड़ों की एक्सरसाइज होती है।
बर्लिन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बताया कि शंख से निकलने वाली आवाज से आसपास के क्षेत्र में उत्साह और ऊर्जा पैदा होती है। यह रोगाणुओं और नेगेटिव एनर्जी को खत्म करती है। शंख की आवाज से उत्साह बढ़ता है और रोगाणुओं से लड़ने के लिए हमारे अंदर चेतना जागृत होती है।
यदि आप नियमित रूप से शंख बजाते हैं तो आपके फेफड़ों में मजबूती आती है। ऐसे लोग जिन्हें दमा है, उन्हें शंख जरूर बजाना चाहिए। शंख बजाने से कई तरह के फेफड़ों के रोग दूर होते हैं। शंख बजाने से त्वचा की समस्याएं भी दूर होती हैं। चेहरे के मसल्स की एक्सरसाइज होती है और झुर्रियों से बचाव होता है।
जो लोग पूजा करते समय शंख बजाते हैं उन्हें हार्ट अटैक आने की आशंका कम हो जाती है। इससे नसों का ब्लॉकेज खुल जाता है। रेक्टल मसल्स सिकुड़ती और फैलती है। नियमित रूप से शंख बजाने से वोकल कॉर्ड का व्यायाम होता है और इस वजह से हकलाने की समस्या कम हो जाती है। रोज शंख बजाने से गुदा द्वार की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। मूत्राशय और पेट के निचले हिस्सों की मांसपेशियों के लिए शंख बजाना काफी बेहतर साबित होता है।
बर्लिन यूनिवर्सिटी ने 1928 में शंख ध्वनि पर अनुसंधान करके यह सिद्ध किया कि इसकी ध्वनि रोगाणुओं को नष्ट करने कि उत्तम औषधि है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की ध्वनि के प्रभाव में सूर्य की किरणें रुकावट बनती हैं। इसलिए सुबह जल्दी या शाम को जब सूर्य की किरणें निस्तेज होती हैं, तभी शंख बजाने का विधान है। इससे आसपास का वातावरण और पर्यावरण शुद्ध रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार शंखोदक भस्म से पेट की बीमारियां, पीलिया, कास प्लीहा यकृत, पथरी आदि रोग ठीक होते हैं। रुक रुक कर बोलने व हकलाने वाले यदि नित्य शंख-जल का पान करें, तो उन्हें आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा। मूकता व हकलापन दूर करने के लिए शंख-जल एक महौषधि है।
शंख से जुड़े नियमों को भी जानना जरूरी है। शंख को कभी भी इधर उधर नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा लाल कपड़े में लपेट कर घर के पूजा स्थल पर रखें। शास्त्रों में घर में शंख बजाने का सही समय सुबह और शाम बताया गया है।
इसके अलावा कभी भी शंख न बजाएं। अपने घर के पूजा घर में एक से ज्यादा शंख न रखें। कभी भी किसी दूसरे को अपना शंख न दें और न खुद कभी किसी दूसरे का शंख इस्तेमाल करें।शंख को जमीन पर न रखें। पवित्र लकड़ी के स्टेंड पर या किसी बाजोट पर ही शंख रखना चाहिए।