E-Rickshaw: दिल्ली की सड़कों पर ई रिक्शा जितनी तेजी से सरपट दौड़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से वे नियम भी तोड़ रहे हैं। लेकिन इस ओर ट्रैफिक पुलिस कोई ध्यान नहीं दे रही है।
E-Rickshaw: दिल्ली की 236 सड़कों पर ई-रिक्शा का परिचालन प्रतिबंधित
ऋषि तिवारी
नई दिल्ली (पश्चिमी दिल्ली)। E-Rickshaw: सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने के लिए 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की 236 सड़कों पर ई-रिक्शा का परिचालन प्रतिबंधित कर दिया था। इसके तहत ई-रिक्शा केवल गलियों में चलाए जा सकते हैं। लेकिन प्रतिबंध के बावजूद, सड़कों पर ई-रिक्शा नियम ताक पर रख कर दौड़ रहे हैं। नजफगढ़ रोड से लेकर उत्तम नगर, द्वारिका मोड़ और कई जगह ये रिक्शा सरपट दौड़ते देखे जा सकते हैं।
गौरतलब यह है कि 2014 से अब तक ई-रिक्शों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सड़कों पर इनका मकड़जाल यातायात को न सिर्फ प्रभावित कर रहा है बल्कि सड़क दुर्घटना का सबब भी बनता जा रहा है। आए दिन इनसे महिलाएं और बाइक सवार दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।
ई-रिक्शा यातायात संचालन में बाधा
ई-रिक्शा ने जब सड़क पर दस्तक दी थी तो लोगों ने इस पर खुशी जाहिर की थी। कम दूरी तय करने के लिए लोग ई-रिक्शा का उपयोग कर रहे थे। लेकिन समय के साथ-साथ सड़कों पर बढ़ते ई-रिक्शा यातायात संचालन में बाधा बनने लगे। ये रोड पर सिंग्नल के नियम को भी तोड़ने में आगे होते जा रहे हैं।
पंखा रोड, जनकपुरी रोड, उत्तम नगर रोड, नजफगढ़ रोड आदि पर ये धड़ल्ले से चल रहे हैं। ये ऐसी सड़कें हैं, जहां ई—रिक्शा के कारण रोज एक्सीडेट, लड़ाई और जाम का नजारा सामने आता रहता है। ट्राफिक पुलिस जान कर अनजान बनी रहती है। यातायात पुलिस होर्डिंग्स को भी रात में हटा देती है।
ई-रिक्शा को आड़ा-तिरछा चलाने के साथ चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए और कई बार सड़कों पर फर्राटे भरते नजर आते हैं। इन प्रतिबंधित सड़कों पर समय-समय पर जगह-जगह यातायात पुलिस प्रशासन की ओर से होर्डिंग्स लगाए जाते हैं। लेकिन ई-रिक्शा चालक कुछ समय के बाद उन होर्डिंग्स को ही हटा देते हैं।
पंखा रोड और नजफगढ़ रोड पर हालत खराब
नजफगढ़ व पंखा रोड यातायात के लिहाज से काफी व्यस्त सड़कें हैं। इन पर ई-रिक्शों का परिचालन प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, करीब 500 से अधिक ई-रिक्शा रोजाना इन सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आते हैं। अहम बात यह है कि दोनों ही सड़कों पर कई अस्पताल हैं। ई रिक्शा के कारण कभी महिलाएं तो कभी बच्चे घायल होते हैं। और तो और, कई बाईक सवारों के मिरर भी तोड़ दिये जाते हैं।
पंखा रोड पर माता चानन देवी अस्पताल और आर्य अस्पताल समेत तीन और अस्पताल हैं। नजफगढ़ रोड पर आधा दर्जन से अधिक अस्पताल स्थित हैं। इसके अलावा दोनों सड़कों के किनारे सघन आबादी वाली कालोनियां हैं। व्यस्तता के चलते सड़क पर पहले ही वाहनों का दबाव रहता है। ई-रिक्शा के परिचालन से जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।