
family planning: नसबंदी से पुरुषों में न तो कोई कमजोरी आती है और न ही उनकी यौन क्षमता प्रभावित होती है। नसबंदी से यौन क्षमता प्रभावित होने की बात केवल भ्रम है। पुरुष नसबंदी करने की प्रक्रिया बहुत ही सुरक्षित और आसान है।
family planning: नसबंदी से यौन क्षमता प्रभावित होने की बात केवल भ्रम
इंफोपोस्ट न्यूज
नोएडा। family planning: पुरुष यौन क्षमता प्रभावित होने के डर से नसबंदी नहीं करवाते हैं। इसीलिए पुरुष नसबंदी पखवाड़े में आशा और एएनएम उन्हें यह समझाने की कोशिश में जुटीं हैं। वे बता रही हैं कि नसबंदी से यौन क्षमता प्रभावित होने की बात केवल भ्रम है। इसी संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग पिछले 21 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मना रहा है।
नसबंदी से पुरुषों में न तो कोई कमजोरी आती है और न ही उनकी यौन क्षमता प्रभावित होती है। उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि पुरुष नसबंदी करने की प्रक्रिया बहुत ही सुरक्षित और आसान है। और सरकार इसके लिए इच्छुक लाभार्थी को प्रतिपूर्ति राशि भी देती है।
पुरुषों की भागीदारी बहुत कम
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नेपाल सिहं ने बताया कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत कम है। नसबंदी में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग 21 नवंबर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मना रहा है।
अभियान का आयोजन जनपद में दो चरणों में किया जा रहा है। प्रथम चरण 21 से 27 नवम्बर पूरा हो चुका है। इसमें आशा कार्यकर्ता और एएनएम दम्पति से संपर्क कर उन्हें परिवार नियोजन क्या है और इसकी क्या जरूरत है इसकी जानकारी दी।
पुरुष नसबंदी के हैं कई फायदे
साथ ही परिवार नियोजन में पुरुष नसबंदी के फायदे से अवगत कराते हुए इसके लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। इस दौरान नसबंदी कराने के इच्छुक पुरुषों का पंजीकरण किया गया। दूसरा चरण 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा।
इस चरण में इच्छुक पुरुषों की नसबंदी की जाएगी। यह अभियान “परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, जीवन में लाए स्वास्थ्य और खुशहाली” थीम के साथ चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के साधन को अपनाने की पहल पुरुषों को ही करनी चाहिए।
परिवार नियोजन के लिए पुरुषों के मुकाबले जल्दी तैयार हो जाती हैं महिलाएं
डॉ. सिंह ने कहा कि नसबंदी के मामले में जनपद में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की भागीदारी बहुत कम है। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) की परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि जनपद में लोगों को लगातार परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
नसबंदी के लिए पुरुषों के मुकाबले महिलाएं जल्दी तैयार हो जाती हैं। जनपद में इस साल अप्रैल से अब तक (23 नवंबर तक) 628 महिलाएं नसबंदी करा चुकी हैं। इसके अलावा 1823 महिलाओं ने आईयूसीडी, 1567 महिलाओं ने पीआईयूसीडी अपना है। 330 महिलाओं ने गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा और 800 महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोली छाया का इस्तेमाल किया।