श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। सरकारी नौकरी पाने के लिए शिक्षित युवाओं को न जाने कितनी परीक्षाओं से होकर गुजरना पड़ता है। कभी कभी तो दो परीक्षाएं एक ही तिथि पर पड़ जाती हैं तो उनमें से किसी एक को छोड़ना पड़ता है। किसी परीक्षा का पेपर यदि लीक हो गया तो परेशानी अलग से। विवाद पैदा होने पर मुकदमेबाजी भी शुरू हो जाती है। इन सब झंझटों से युवाओं के जीवन का महत्वपूर्ण समय नष्ट हो जाता है पर उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती।
इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने एक अच्छी पहल की है। केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानी एनआरए के गठन को मंजूरी दी है। अब ग्रुप ‘बी’ और ‘सी’ के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए आवेदकों को एक ही ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सीईटी की परीक्षा देनी होगी। इसी के आधार पर वे अलग-अलग विभागों में भर्ती के लिए मुख्य परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे।
सीईटी में सफल अभ्यर्थी तीन साल सीधे मुख्य परीक्षा दे सकेंगे। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी विभिन्न भर्ती बोर्डों के लिए ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन करेगी। मुख्य परीक्षा में विफल होने के बाद भी वे तीन साल तक सीधे मुख्य परीक्षा देने के पात्र होंगे।
अभी अभ्यर्थियों को एक जैसी पात्रता की शर्ते होने के बावजूद अलग-अलग भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल होना पड़ता है। इससे परीक्षा की फीस से लेकर अन्य कई खर्चो का दबाव पड़ता है। कई बार परीक्षा केंद्रों तक आना-जाना भी बड़ी चुनौती होती है। प्रत्येक परीक्षा में औसतन ढाई से तीन करोड़ अभ्यर्थी बैठते हैं। सीईटी से अभ्यर्थियों और विभिन्न सरकारी विभागों का खर्च कम होगा और व्यवस्था आसान हो जाएगी।
दरअसल, एनआरए स्वायत्त एजेंसी होगी, जिसका मुख्यालय दिल्ली में रहेगा। एजेंसी के चेयरमैन का पद केंद्र में सचिव के स्तर का होगा। इसके बोर्ड में उन सभी विभागों का प्रतिनिधित्व होगा, जिनके भर्ती बोर्डों को इससे जोड़ा जाएगा।
राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी साल में दो बार सीईटी का आयोजन करेगी। रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा व मेरिट लिस्ट तक के लिए व्यवस्था ऑनलाइन होगी। सीईटी में शामिल होने का विकल्प 12 भाषाओं में दिया जाएगा। 10वीं, 12वीं और स्नातक पास आवेदकों के लिए अलग-अलग टेस्ट की व्यवस्था होगी।
मानक पाठ्यक्रम के आधार पर बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। सुरक्षा के उच्च मापदंड अपनाए जाएंगे और टेस्ट के तुरंत बाद परिणाम मिल जाएगा। अधिकतम उम्र सीमा तक परीक्षा कई बार दे सकेंगे। हर जिले में एक हजार से ज्यादा परीक्षा केंद्र खोले जाएंगे। पहले चरण में आरआरबी, एसएससी और आइबीपीएस को जोड़ा गया है। परीक्षा एजेंसी के लिए 1,518 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो तीन साल में खर्च किया जाएगा। राज्यों के भर्ती बोर्ड और निजी क्षेत्रों को भी शामिल करने की योजना है।
केद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (Common Entrance Test, CET) की मेरिट लिस्ट तीन साल तक मान्य रहेगी। इस दौरान कैंडिडेट अपनी योग्यता और प्राथमिकता के हिसाब से अलग-अलग सेक्टर में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह एक ऐतिहासिक बदलाव है। सरकार के इस फैसले से नियुक्तियों और चयन में आसानी होगी।
उन्होंने कहा है कि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एक क्रांतिकारी सुधार है। इससे ईज ऑफ रिक्रूटमेंट, ईज ऑफ सेलेक्शन, ईज ऑफ जॉब प्लेसमेंट और ईज ऑफ लीविंग संभव हो सकेगी। यह विशेष रूप से उन युवाओं के लिए वरदान है, जो किसी असुविधा के कारण बहुत सारी परीक्षाओं में नहीं बैठ पाते थे।