
Grand Master Dr. Jasbir Singh: ग्रैंड मास्टर डॉ. जसबीर सिंह ने मार्शल आर्ट में पीएचडी की । और कई वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने का श्रेय उन्हें प्राप्त है। उन्होंने मार्शल आर्ट को विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने का लक्ष्य साधा है।
Grand Master Dr. Jasbir Singh: प्रेसीडेंट ट्रंप एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य बनाए गए कपूरथला के ग्रैंड मास्टर डॉ. जसबीर सिंह
आकांक्षा सक्सेना
कपूरथला। Grand Master Dr. Jasbir Singh: पंजाब अपनी विरासत के लिए विख्यात है। उसी पंजाब के एक छोटे से जिले कपूरथला को पेरिस कहा जाता है। उसी कपूरथला की सोंधी मिट्टी ने देश को कई नामचीन खिलाड़ी दिए हैं। जिन्होंने खेल जगत में विश्वस्तरीय पहचान की दास्तान लिखी है। हम बात कर रहे हैं कपूरथला के सामान्य परिवार में जन्मे जसवीर सिंह की।
वह ऐसा बहुआयामी व्यक्तित्व हैं, जिसने वर्षों पहले कपूथला में सम्मानित पत्रकार के रूप में प्रसिद्धि पाई और खेल जगत में भी अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया। युवा उन्हें फादर ऑफ मार्डन मार्शल आर्ट कहकर सम्बोधित करते हैं।
दूसरी तरफ़ विश्व की महाशक्ति अमेरिका में जाकर उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से प्रेसीडेंट ट्रम्प के एडवाइजरी बोर्ड के मेम्बर बने। मार्शल आर्ट को विश्व के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए खासतौर पर बच्चियों को आत्मनिर्भर आत्मसुरक्षित बनाने के लिए उन्होंने कई देशों की यात्रा की। कई मार्शल आर्ट केंद्र खुलवाए।
वर्ल्ड मार्शल आर्ट काउंसिल
(Grand Master Dr. Jasbir Singh) आज उनकी वर्ल्ड मार्शल आर्ट काउंसिल नाम से अंतरराष्ट्रीय संस्था है। यह संस्था पूरी दुनिया में आत्मसुरक्षित बनने की ताकत का पर्याय बन चुकी है। ग्रैंड मास्टर डॉ. जसबीर सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उन्हें बराक ओबामा से सम्मान पत्र के अतिरिक्त देश विदेश से सैकड़ों सम्मान मिले हैं।
युवाओं को आत्मसुरक्षित बनाने की उनकी इस जुनूनी लगन के कारण आज वह देश-विदेश में कई संस्थाओं के साथ जुड़ कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ग्रैंड मास्टर डॉ. जसबीर सिंह का पूरा नाम ग्रैंड मास्टर प्रो. डॉ. जसबीर सिंह है। और अभी वह अपने परिवार के साथ अमेरिका के कैलीफोर्निया शहर में रहते हैं। उनसे फोन पर बातचीत की गई।
मार्शल आर्ट को ही करियर के रूप में क्यों चुना?
(Grand Master Dr. Jasbir Singh) बचपन से ही ब्रूसली की फिल्में प्रभावित करती थीं, जिसके बाद मैंने मार्शल आर्ट को अपने करियर के रूप में चुना। मेरे लिए मार्शल आर्ट मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा है। आज मैं कह सकता हूं कि मार्शल आर्ट जीने की एक अद्भुत कला है। यह लोगों को सुरक्षा देने का एक सुअवसर है। उसे मैं सर्वसुलभ करने को संकल्पित हूं।
मार्शल आर्ट में इतना ऊंचा मुकाम पाने के अलावा आप विश्वहित में और क्या नया कर रहे हैं?
(Grand Master Dr. Jasbir Singh) डॉ. जसबीर सिंह वर्ल्ड मार्शल आर्ट काउंसिल का प्रेसीडेंट और फाउंडर हूं। और गवर्नमेंट ऑफ इंटरनेशनल यूनाइटेड किंगडम एसोसिएशन कॉमनवेल्थ कंट्री का यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स मिनिस्टर हूं। इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजरी बोर्ड का ऑफिशयल मेम्बर हूं। कई इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, पीस पुलिस आर्गनाइजेशन और कई सोशल वर्क करने वाली संस्थाओं से भी जुड़ा हूं।
अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे?
मुस्कुराते हुए—हर कामयाब व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है। मेरी मां ने हर समय मेरा साथ दिया। मेरा मानना है कि मां से अधिक कोई और आपका सच्चा सलाहकार नहीं हो सकता।
विश्व के युवाओं के लिए आप क्या सोचते हैं?
मेरे भारत के कई राज्यों में मार्शल आर्ट्स केंद्र हैं। परंतु मैं विश्व के हर कोने में मार्शल आर्ट्स केंद्र खोलना चाहता हूं। जिससे दुनिया का प्रत्येक बच्चा, विशेषकर हमारी बच्चियां आत्मानुशासित, सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।
इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
मार्शल आर्ट्स एक तपस्या है। जीने की एक कला है। उसे समझने के लिए उसे जीना पड़ता है। फिर एक दिन हम इसमें खुद को स्वत: ढाल लेते हैं। युवाओं को यही कहूंगा कि मार्शल आर्ट का कोई शॉर्टकट नहीं है। आप बस, वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, हाथ में ध्वजा रहे, बल दल सजा रहे, तुम निडर डटे रहो। एक दिन विजयश्री स्वंय आपका विजय तिलक कर देगी।
अब तक आपकी क्या उपलब्धियां रहीं?
मैंने पांच वर्ल्ड मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप खेली हैं और जीती हैं। पहली वर्ल्ड मार्शल आर्ट एंड किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 10-12 नवम्बर 2000 इटली में 5वें स्थान पर जीत। दूसरी वर्ल्ड ताइक्वांडो डू मूडो चैम्पियनशिप 18-19 नवम्बर 2000 पेरिस में तीसरा कांस्य पदक जीता।
तीसरी 12वें इंटरनेशनल मुयेथाई और कराटे चैम्पियनशिप 20-22 फरवरी 2001 थाईलैंड में सिल्वर मेडल जीता। 8वें अंतरराष्ट्रीय कराटे एंड किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 23-25 मई नेपाल में तीसरा कांस्य पदक जीता।
एसोचायज़िओन सेंट्री स्पोर्टिवी अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप 15 मई 2005 इटली में प्रथम स्वर्ण पदक जीता। सच बोलूं तो मैं अपनी लाइफ का पहला स्टेट मैच हारा था। और इसीलिए शायद मैं आज जीता हुआ एक सफल खिलाड़ी हूं। मेरा अनुभव है कि जो हार से डर गया, वह जीत का स्वाद भी नहीं चख सकता।