Guru Purnima: आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन शिष्य गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है।
Guru Purnima: आषाढ़ मास की पूर्णिमा को कहते हैं गुरु पूर्णिमा
इंफोपोस्ट न्यूज
नोएडा। Guru Purnima: गुरु पूर्णिमा पर आशीर्वाद लेने की परंपरा हमारी विरासत है। सांसद डॉक्टर महेश शर्मा ने गुरु पूर्णिमा पर श्री सनातन धर्म मंदिर के पुजारी वीरेंदर नंद और फूलकांत झा से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल में आयोजित किया गया।
डॉक्टर शर्मा ने शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पुजारियों को तिलक लगाया और उन्हें पटका पहनाया। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि संजय बाली, लोकेश कश्यप, गणेश जाटव, सत्य प्रकाश, हरेंद्रनाथ दूबे आदि उपस्थित रहे।
दरअसल, आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इसलिए इस दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है।
गुरु और शिष्यों का दिन
गुरु पूर्णिमा का दिन गुरु और शिष्यों का होता है। जिन छात्रों का पढ़ाई में ध्यान न लग रहा हो, उनको गुरु पूर्णिमा के दिन गीता का पाठ करना चाहिए और गाय की सेवा करनी चाहिए। ऐसा करने पर सभी समस्याओं का समाधान होता है।
कल यानी 25 जुलाई से सावन महीना शुरू हो रहा है। सावन महीना भगवान और सबके गुरु शिव को समर्पित है। सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को है। इस कारण इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधि पूर्वक विशेष पूजा करने का विधान है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की जाती है।
बरगद की पूजा करने की मान्यता
याज्ञवल्य ऋषि के वरदान से वृक्षराज बरगद को जीवनदान मिला था। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर बरगद की भी पूजा की जाती है। गुरु पूर्णिमा की रात खीर बनाकर दान करने से मानसिक शांति मिलती है। ऐसा करने पर चंद्र ग्रह का प्रभाव भी दूर होता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन यानि आज सायं काल तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। मांस मदिरा आदि जैसे तामसिक प्रवृत्ति वाले भोजन का भूलकर भी उपयोग नहीं करना चाहिए।
वरिष्ठ जनों का भी करें आदर सम्मान
गुरु पूर्णिमा के दिन यानि आज केवल गुरु का ही नहीं बल्कि परिवार में वरिष्ठ जनों का आदर सम्मान के साथ उनका पूजन करना चाहिए। गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर गुरुजनों की यथा संभव सेवा करने का बहुत महत्व है।
आज दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला रवि योग रहेगा। इसके आलावा दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा।