मास्क गले में क्यों लटका है? मास्क केवल दिखाने को क्यों लगाते हैं आप? ठीक से पहनिए, नाक और मुंह दोनों को ठीक से ढकिए। जिला अस्पताल में ओपीडी के दौरान कुछ इस तरह की हिदायत रोज दी जाती है।
कई बार जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीबी ढाका स्वयं भी लोगों को टोकते नजर आते हैं। गार्ड और मेडिकल स्टाफ को तो उन्होंने मास्क को लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दे रखा है। ढाका कहते हैं कि मास्क को लेकर लोग उतने गंभीर नहीं है जितने होने चाहिए।
कुछ लोग तो इस तरह मास्क लगाते हैं, जैसे उन्हें सिर्फ पुलिस के चालान से बचना है, बीमारी से नहीं। गलत तरीके से मास्क पहनने से फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है। अक्सर देखा जा रहा है कि लोग मास्क को मुंह और नाक पर न लगाकर गले में लटका लेते हैं। यह स्थिति खतरे को और बढ़ा सकती है।
मास्क से मुंह और नाक ढकने के लिए इसलिए कहा जाता है ताकि कोरोना वायरस या कोई अन्य संक्रमण शरीर में न जा सके। हम मास्क को अक्सर गले में लटका लेते हैं और फिर उसे मुंह-नाक पर लगाते हैं तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि गर्दन या चेहरे पर चिपके वायरस के मास्क के जरिये मुंह नाक में जाने की आशंका बढ़ जाती है।
मास्क को बार-बार हाथ से छूने से भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको पानी पीने या कुछ खाने के लिए मास्क हटाना पड़े तो उसे पूरी तरह हटाकर अलग रख दें और फिर वापस लगा लें। गले में न लटकाएं।
मल्टीपरपज मास्क (चुन्नी, गमछा आदि) से फायदे की जगह नुकसान का खतरा ज्यादा है। मल्टीपरपज होना ही खतरे का कारण है। पसीना आने पर मुंह पोंछ लेना, कभी हाथ पोंछ लेना संक्रमण के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है।
यदि चुन्नी या गमछे का ही मास्क के रूप में प्रयोग करना चाहते हैं तो बेहतर है कि उसे काटकर घर में मास्क सिल लें। एक गमछे या चुन्नी में कई मास्क बन जाएंगे। ध्यान रहे कि घर में बने मास्क को अच्छी तरह से डिटरजेंट में आधे घंटे तक भिगोकर धोने और फिर धूप में सुखाने के बाद ही दोबारा इस्तेमाल करें।