HHO: स्वास्थ्य चर्चा में स्वागत है। आज बीमारियों के उपचार की एक विशेष प्रणाली हॉलिस्टिक हीलिंग के बारे में जानेंगे। जो भारतीय परंपराओं की अमूल्य विरासत है। शुरू करते हैं चर्चा।
HHO: एक ऐसी संस्था जो घर घर पहुंचा रही है हॉलिस्टिक हीलिंग
HHO: भारत अपनी परंपराओं और सभ्यता के लिए दुनिया का सिरमौर है। और भारतीय उन परंपराओं के हैं सूत्रधार। तभी तो आयुर्वेद में भारत की कामयाबी का देश दुनिया में परचम लहरा रहा है।
वैसे तो कई संस्थाएं इस ओर ध्यान दे रही हैं पर HHO एक ऐसी संस्था है जो पूरी दुनिया में आयुर्वेद और हॉलिस्टिक हीलिंग घर घर पहुंचाने में विशेष भूमिका निभा रही है। लोग इस संस्था से जुड़ रहे हैं और सीख रहे हैं हॉलिस्टिक हीलिंग की बारीकियां।
हाल ही में संस्था ने एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। दुनियाभर के लोगों ने शिरकत की। HHO के डायरेक्टर विरेंद्र राठी और उपाध्यक्ष डॉ. शाइस्ता खान ने लोगों को होलिस्टिक हीलिंग के बार में बताया।
उन्होंने लोगों से हॉलिस्टिक हीलिंग अपनाने की अपील भी की। साथ ही सेमिनार में आए लोगों को होलिस्टिक हीलिंग के फायदे बताए। सेमिनार में आए लोगों का जोश बता रहा था कि ये चीज़ उनके लिए बहुत ही इंटरेस्टिंग होने वाली है।
क्या है आयुर्वेद ?
आपको बता दें कि आयुर्वेद प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धति है। संस्कृत मूल का यह शब्द दो धातुओं के संयोग से बना है। आयु और वेद। आयु का मतलब है लम्बी उम्र और “वेद” का मतलब है विज्ञान।
अगर इसको सरल भाषा में समझा जाए तो आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन का विज्ञान है। एलोपैथिक दवा बीमारी को दबा देती है तो आयुर्वेद बीमारी की बुनियाद ही खत्म कर देता है। और संपूर्ण निदान करके हमें बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा दिला देता है।
अधिक लाभकारी है होलिस्टिक हीलिंग !
आज दुनिया में रोगों के इलाज के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। एक है होलिस्टिक हीलिंग। होलिस्टिक हीलिंग में शरीर की तकलीफों से संबंधित हर पहलू पर ध्यान दिया जाता है। हर समस्या का हल ढूंढ़ा जाता है।
समग्र स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक तरीके से उपचार लेने को ही होलिस्टिक हीलिंग कहा गया है। आज की पीढ़ी भी इस हीलिंग को महत्व देती नज़र आ रही है। इसमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जाती है।
जो लोग दवा की गोलियां और सिरप पीने से बचना चाहते हैं। ऑपरेशन की तकलीफों से दूर भागते हैं, वे ही इस उपचार को अपनाते हैं। मुख्य रूप से मानव शरीर जिन पंचतत्वों से बना है, उनके असंतुलन के कारणों को होलिस्टिक हीलर खोजता है। उन्हें संतुलित करता है।
शारीरिक असंतुलन के प्रमुख कारण
शारीरिक असंतुलन के प्रमुख कारण पौष्टिक भोजन न करना, व्यायाम की कमी, मानसिक, भावनात्मक और धार्मिक जरूरत का पूरा न होना है। हीलर किसी दवा या उपकरण का प्रयोग नहीं करता।
जब भी होलिस्टिक हीलिंग दी जाती है, मनुष्य के दिमाग, शरीर, आत्मा और भावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। होलिस्टिक हीलर मानव शरीर का संपूर्ण जायजा लेता है। उससे संबंधित पूरी जानकारी जुटाता है। उसके बाद ही कोई इलाज बताता है।
इलाज से पहले अच्छे होलिस्टिक हीलर का चुनाव वैसे ही जरूरी है, जैसे इलाज के लिए एक अच्छे डॉक्टर का चुनाव किया जाता है। क्योंकि अलग-अलग हीलर के उपचार के परिणाम भिन्न होते हैं।
कैसा हो होलिस्टिक हीलर
होलिस्टिक हीलर ऐसा हो, जिस पर आपको पूरा भरोसा हो। उपचार का उसे पूरा ज्ञान होना चाहिए। हीलर खुले विचारों वाला हो, खुलकर बात करे और आपको समझे। वह ध्यान रखने वाला भी होना चाहिए।
इसी विषय पर चर्चा के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया। डॉ. भूपेंदर शर्मा, जी मनीवाचकम, एम. महेंद्र गणपति, विकास जैन, कुलीबली (बुर्कीना फासो), सिबिल पोंटो (जर्मनी) समेत तमाम लोगों ने सेमिनार में शिरकत की।
होलिस्टिक हीलर डॉ. शाइस्ता खान ने कहा, ‘पूरी दुनिया से लोग हमारे देश में होलिस्टिक हीलिंग लेने और सीखने आते हैं।
ऐसे में देखना होगा कि भारत समेत विदेशों में लोग इस पर कितना भरोसा करते हैं। और दुनिया भर में होलिस्टिक हीलिंग को पहुंचाने में HHO को कब तक पूरी कामयाबी मिल पाती है।