
न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। आज हिंदी दिवस है। क्या आप जानते हैं कि हिंदी शब्द कहां से आया? हिंदी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग 1424 के शरफुद्दीन यज्दी’ के ‘जफरनामा’ में मिलता है। हिंदी शब्द का संबंध संस्कृत शब्द सिंधु से है।
सिंध क्षेत्र ‘सिंधु’ नदी के आसपास वाले इलाके को कहते थे और उसी आधार पर भारत भूमि को सिंधु कहा जाने लगा। यह सिंधु शब्द ईरानियों के प्रभाव में ‘हिंदू’, हिंदी और फिर ‘हिंद’ हो गया। हिंदी कैसे और कब बनी भारत की आधिकारिक भाषा आज इसी पर चर्चा करते हैं।
14 सितंबर वह तारीख है, जब हर किसी को याद आती है हिंदी। क्योंकि इसी दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि हिंदी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है। हिंदी देश की आधिकारिक भाषा कैसे बनी?
आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए 6 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का गठन किया गया। सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष बनाए गए। इसके बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसका अध्यक्ष चुना गया। डॉ. भीमराव अंबेडकर संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी (संविधान का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी) के चेयरमैन थे।
संविधान में विभिन्न नियम-कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था। क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और हजारों बोलियां थीं। काफी विचार-विमर्श के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा चुना गया।
संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। बाद में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।