Indian Railways: रेलवे चालू वित्त वर्ष 2023-24 में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू करेगा। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, स्लीपर कोच यानी शयनयान श्रेणी डिब्बे के साथ ट्रेन रात भर लंबी यात्रा करने में सक्षम होगी। अभी जो वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें सिर्फ बैठ कर यात्रा करने की व्यवस्था की गई है।
Indian Railways: लंबी दूरी की भी वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी
इंफोपोस्ट डेस्क
Indian Railways: रेलवे चालू वित्त वर्ष 2023-24 में स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने जा रहा है। यह जानकारी रेलवे के अधिकारियों ने दी है। उन्होंने बताया कि स्लीपर कोच यानी शयनयान श्रेणी डिब्बे के साथ ट्रेन रात भर लंबी यात्रा करा सकेगी। अभी जो वंदे भारत ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उनमें सिर्फ बैठ कर यात्रा की व्यवस्था है। इस वजह से लंबी दूरी के स्टेशनों के बीच ये ट्रेन नहीं चलाई जाती हैं। भारतीय रेलवे इसी साल से एक गैर-वातानुकूलित ट्रेन भी शुरू करने वाला है।
चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री यानी आईसीएफ के महाप्रबंधक बीजी माल्या ने कहा है कि स्लीपर कोच के साथ वंदे भारत को चालू वित्त वर्ष में शुरू किया जाएगा। पहली ट्रेन का निर्माण चल रहा है और मार्च 2024 में परिचालन शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्लीपर वंदे भारत ट्रेन में कुल 16 डिब्बे होंगे। इसमें 11 एसी थ्री टायर, चार एसी टू-टायर और एक एसी फर्स्ट का कोच लगाया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को लंबी दूरी की यात्रा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसकी अधिकतम स्पीड 220 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
अभी वंदे भारत एक्सप्रेस 25 रूटों पर
माल्या ने कहा कि यह ट्रैक पर 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। स्वदेश निर्मित सेमी-रैपिड श्रेणी की वंदे भारत एक्सप्रेस मौजूदा समय में 25 रूटों पर चल रही है।
वंदे भारत एक्सप्रेस, भारत की सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, देश भर के सभी रेल-विद्युतीकृत राज्यों में अपनी सेवाएँ प्रदान करती है। 50 परिचालन सेवाओं के साथ, वंदे भारत एक्सप्रेस ने रेल यात्रा में क्रांति ला दी है। अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की हैं और यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम किया है।
प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। इन ट्रेनों का निर्माण चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में किया जाता है।
परियोजना 2017 के मध्य में शुरू की गई थी
स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन सेट बनाने की परियोजना 2017 के मध्य में शुरू हुई और 18 महीने के भीतर, आईसीएफ चेन्नई ने ट्रेन-18 को पूरा किया। भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन की मेड-इन-इंडिया स्थिति पर जोर देने के लिए जनवरी 2019 में इसका नाम बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया। ट्रेन ने कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल की।
समाचार एजेंसी एएनआई ने भी ट्वीट कर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक बी जी माल्या के हवाले से बताया, “हम इस वित्त वर्ष के भीतर वंदे का स्लीपर संस्करण लॉन्च करेंगे। हम इसी वित्तीय वर्ष में वंदे मेट्रो भी लॉन्च करेंगे। और हम इस ट्रेन को लॉन्च करेंगे।” गैर-वातानुकूलित यात्रियों के लिए, जिसे गैर-एसी पुश-पुल ट्रेन कहा जाता है, जिसमें 22 कोच और एक लोकोमोटिव होगा। और यह लॉन्च 31 अक्टूबर से पहले होने जा रहा है।”
#WATCH | Indian Railways to launch sleeper version of Vande Bharat Express
B G Mallya, General Manager of Integral Coach Factory says, “We’ll be launching the sleeper version of the Vande within this financial year. We’ll also be launching the Vande Metro in this financial year.… pic.twitter.com/49q61cScIb
— ANI (@ANI) September 16, 2023