न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान ठीक वैसे ही हैं, जैसे कुत्ते की पूंछ कभी सीधी नहीं होती। सामरिक दबाव पड़ने पर ये समझौता और वार्ता के लिए तैयार हो जाते हैं। वार्ता भी होती है, लेकिन ये अपनी ही बातों से मुकर जाते हैं। इसी को कहते हैं मुंह पर राम बगल में छूरी। ऐसे देशों के लिए एकमात्र उपाय है यद्ध। इनसे युद्ध छेड़ कर इन्हें इतना तबाह कर दिया जाना चाहिए कि ये कभी भी सिर उठाने की जुर्रत न कर सकें।
दरअसल, पिछले कई महीनों से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के बीच भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प (फायरिंग) की खबरें आ रही हैं। ऐसी रिपोर्ट है कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट के पास रेजांग-ला-रेचिन ला लेगलाइन पर भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच गोलीबारी हुई है।
कुछ चीनी सैनिकों के घायल होने की खबर है। चीन की ओर से दावा किया गया है कि भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है। जबकि भारतीय सेना या भारत सरकार की ओर से चीन के दावे पर अभी कोई बयान नहीं आया है। सीमा पर ताजा विवाद ऐसे समय हुआ है, जब 10 सितंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मॉस्को में वार्ता होने वाली है।
शीर्ष भारतीय अधिकारी ने कहा है कि सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन दोनों पक्ष ग्राउंड कमांडर लेवल पर एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। पर रेचिन ला पर आक्रामक पीएलए सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच तकरार के बाद स्थिति नाजुक हो गई। चीनी वेस्टर्न थिएटर कमांड ने भारतीय सैनिकों पर चेतावनी भरी फायरिंग करने का आरोप लगाया और स्थिति को स्थिर करने के लिए जवाबी हमला करने की बात कही।
हकीकत यह है कि भारतीय सेना को अगस्त के अंतिम सप्ताह में पैंगोंग त्सो के दक्षिण में ग्रीन लाइन में चीनी घुसपैठ को नाकाम करने की कोशिश के दौरान भी चेतावनी भरी फायरिंग करनी पड़ी थी। इसके बाद सितंबर के पहले सप्ताह में पीएलए ने अपने सभी पोजिशन को मजबूत किया और झील के दक्षिण में सेना की ताकत बढ़ाई। भारतीय सेना ने भी अपनी तैनाती बढ़ा दी है।
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के ट्विटर हैंडल पर वेस्टर्न थियेटर कमांड के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि भारतीय सेना ने एकबार फिर गैर-कानूनी रूप से शेनपाओ की पहाड़ियों में पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट के पास एलएसी का उल्लंघन किया। दूसरे ट्वीट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया कि भारतीय सैनिकों ने पीएलए के सीमा गश्ती दल के सैनिकों पर फायरिंग की तो चीनी सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कमांडर के अधीन काम करने वाला पश्चिमी थिएटर कमान ने भारतीय सैनिकों पर आक्रामकता का आरोप लगाया है, जबकि भारतीय सेना का उद्देश्य अपने क्षेत्र पर काबिज रहना है और इलाके में पीएलए को भूमि कब्जा करने से रोकना है। भारतीय ग्राउंड कमांडरों ने मौके पर निर्णय लेने के लिए भारतीय सेना को पूरी छूट दी है।