Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर गैर कश्मीरी लोगों पर हिंसा का मामला सामने आया है। बडगाम जिले के मागाम के मजहामा इलाके में आतंकियों की गोलीबारी में दो बाहरी मजदूर घायल हो गए, जो जल जीवन परियोजना में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे और उत्तर प्रदेश के निवासी बताए जा रहे हैं।
Jammu and Kashmir: बडगाम में यूपी के दो मजदूरों को गोली मारी
इंफोपोस्ट डेस्क
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के मागाम के मजहामा इलाके में आतंकवादियों ने गैर स्थानीय लोगों पर शुक्रवार को फिर हमले का शिकार बनाया है। हमले में दो लोग घायल हुए हैं। घायल व्यक्ति मजदूर और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
पुलिस का कहना है कि दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वे जिले में सरकार की जल जीवन परियोजना में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। हमले के बाद दोनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है। दोनों घायलों की पहचान उस्मान और संजय के रूप में हुई है।
गंदेरबल में सात की हत्या के बाद फिर हुआ हमला
यह हमला केंद्र शासित प्रदेश के गंदेरबल जिले में सात लोगों की हत्या और कई के घायल होने के करीब दो हफ्ते बाद हुआ है। हमले के समय मजदूर एक सुरंग पर काम कर रहे थे। उस समय आतंकियों ने हमला बोला था। गंदेरबल में हमले में एक डॉक्टर सहित कुल सात लोगों की जान गई थी।
बाद में, लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले की केंद्र सरकार और राज्य की नवनिर्वाचित सरकार ने कड़ी निंदा की थी। यह हमला जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद हुए थे। गंदेरबल सीएम उमर अब्दुल्ला का विधानसभा क्षेत्र है। इस हमले से आतंकी फिर दहशत फैलाना चाहते थे।
पुलवामा के आतंकी हमले में घायल हुआ था यूपी का निवासी
पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के बटगुंड त्राल इलाके में अज्ञात आतंकवादियों द्वारा कथित तौर पर गोली मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश का एक और प्रवासी भी घायल हो गया था। घायल की पहचान शुभम कुमार के रूप में हुई थी। उसके हाथ में चोटें आई थीं।
आतंकी जम्मू कश्मीर के बाहर के रहने वालों, सरकारी कर्मचारियों और सेना के जवानों को निशाना बना रहे हैं। आतंकियों की इस कारगुजारी को टारगेट किलिंग का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों में आतंक पैदा करना है।
हालांकि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने साफ कर दिया कि आतंकियों के इरादों को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोगों से वादा किया है कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति और अमन-चैन के लिए वह पूरी कोशिश करेंगे।