भाजपा सरकार के पास पर्याप्त सीटें, सरकार गिरने का खतरा नहीं। 60 सीटों वाली विधानसभा में मात्र दो विधायकों वाली केपीए राज्य में जारी हिंसा से दुखी हो कर उठाया कदम।
इंफोपोस्ट डेस्क।
नयी दिल्ली। मणिपुर विधानसभा में दो सीटों वाली कूकी पीपल अलाएंस यानी केपीए ने एन बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। ऐसा उन्होंने राज्य में जारी हिंसा को देखते हुए किया है। मालूम हो कि मणिपुर में तीन माह से अधिक समय से हिंसा जारी है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही दो माह पहले महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म और निर्वस्त्र कर सार्वजनिक तौर पर घुमाने की घटना सामने आई थी। तमाम प्रयासों के बाद भी राज्य में हिंसा नहीं थम रही है। यही वजह है कि रविवार को एनडीए की सहयोगी पार्टी केपीए ने सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की। हालांकि इससे सरकार पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन बीरेन सिंह सरकार को एक बड़ा झटका तो है ही।
राज्पाल को लिखा पत्र
CM Biren Singh In Trouble: राज्यपाल अनुसुइया उइके को पत्र लिखकर केपीए प्रमुख तोंगमांग हाओकिप ने बताया कि उन्होंने मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत मणिपुर सरकार से संबंध खत्म करने का फैसला किया है। बताया गया है कि राज्य में जारी हिंसा की वजह से वह दुखी हैं। तोंगमांग हाओकिप ने कहा है कि राज्य के हालात को देखते हुए उन्होंने काफी विचार किया।
राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में केपीए के 2 विधायक सैकुल से के.एच. हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग हैं। विधानसभा में भाजपा के 32 सदस्य हैं, जबकि इसे एनपीएफ के 5 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। विपक्षी विधायकों में एनपीपी के 7, कांग्रेस से 5 और जनता दल से 6 विधायक हैं।
ज्ञात हो कि तमाम प्रयासों के बाद भी राज्य में हिंसा नहीं रूक रही है। राज्य में केंद्रीय बल को भी तैनात किया गया है। फिर भी शांति बहाल नहीं हो रही है। दो दिन पूर्व ही राज्य में मैतेई समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी गई।