
Labor and Management: सेंचुरी के श्रमिकों को अदालत से बड़ी जीत मिली है। सिविल कोर्ट कसरावद के आदेश से सेंचुरी मिल प्रबंधन की मनमानी को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने प्रबंधन को आदेश दिया है कि श्रमिकों के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल किया जाए।
Labor and Management: सिविल कोर्ट कसरावद के आदेश से श्रमिकों में उत्साह
अंकित तिवारी
Labor and Management: सेंचुरी मिल प्रबंधन किस कदर श्रमिकों को परेशान करता है, उसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया है। और श्रमिक कैसे अदालत का दरवाजा खटखटा कर जीत हासिल करते हैं, वह भी एक मिसाल है।
बता दें कि श्रमिकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए पिछले 29 जून को सेंचुरी मिल प्रबंधन ने वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति का नोटिस लगा दिया था। लेकिन 874 कर्मचारियों और श्रमिकों ने वीआरएस लेने से नकार कर दिया था।

वीआरएस न लेने पर परेशान कर रहा था प्रबंधन
जिन श्रमिकों और कर्मचारियों ने वीआरएस लेने से इनकार कर दिया था, सेंचुरी मैनेजमेंट और मनजीत मैनेजमेंट के इशारे पर उनके कमरे की बिजली काट दी गई। पानी सप्लाई को भी बाधित कर दिया गया। यही नहीं, सामूहिक शौचालय की साफ-सफाई भी बंद करवा दी गई।
कॉलोनी गेट पर अधिकांश समय ताला लगा कर मैनेजमेंट उन्हें परेशान करने लगा। प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन करने के बाद भी बिजली, पानी, साफ सफाई और रास्ता बहाली की समस्या का समाधान नहीं हो सका।
और कोर्ट चले गए सेंचुरी के श्रमिक
अंत में सेंचुरी श्रमिकों को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। श्रमिक और प्रबंधन के पक्ष को सुनने के बाद सिविल कोर्ट कसरावद ने पिछले 23 दिसंबर को मजदूरों के हित में फैसला सुना दिया। अदालत ने रास्ता, बिजली और पानी बहाल करने का आदेश दिया है।
सेंचुरी श्रमिकों का संगठन श्रमिक जनता संघ के सचिव संजय चौहान के साथ राजकुमार दुबे, नवीन मिश्रा और संतलाल की ओर से सेंचुरी मैनेजमेंट और मनजीत मैनेजमेंट के विरुद्ध सिविल कोर्ट कसरावद में याचिका लगाई गई थी। एडवोकेट अबरार खान ने पैरवी करके जीत दिलाई।
कसरावद के एसडीएम ने उक्त आदेश की छाया प्रति के साथ तत्काल मनजीत ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, सत्राटी को न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए नोटिस जारी किया है।