
Lakhimpur Kheri Violence and Democracy: लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत जनता स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है। और उसकी सत्ता बना सकती है। लेकिन क्या लखीमपुर खीरी हिंसा के घटनाक्रम से ऐसा नहीं लग रहा है कि दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र आज तंत्र के शिकंजे में है?
Lakhimpur Kheri Violence and Democracy: सत्ता की कैद में लोकतंत्र के रखवाले
अंकित तिवारी
Lakhimpur Kheri Violence and Democracy: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लेकिन उत्तर प्रदेश जहां कानून का राज बताया जाता है, वहीं के लखीमपुर खीरी में रविवार को पुलिस की मौजूदगी में आगजनी, किसानों को मंत्रीपुत्र की कार से रौंद दिया जाना और समस्त विपक्षी नेताओं को बंधक बना लिया जाना आखिर क्या दर्शाता है?
प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव के बाद हज हाउस से शिवपाल को अरेस्ट किया गया। लखीमपुर जाने के लिए अखिलेश निकले तो उन्हें पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
यही नहीं, तिकुनिया लखीमपुर हिंसा को लेकर बहराइच मैलानी प्रखंड की ट्रेनें निरस्त कर दी गईं। बहराइच लखीमपुर की सीमा पर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। फिर भी लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि कानून व्यवस्था पूरी तरीके से मजबूत है।
लखीमपुर खीरी प्रवेश की अनुमति नहीं दी
यूपी गृह विभाग ने पंजाब सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग को पत्र लिखकर कहा कि लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू होने के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लखीमपुर खीरी में आने की अनुमति देना संभव नहीं है।
हरीश रावत ने कहा है कि सरकार ने पहले ठंड में और बाद में गर्मी के मौसम में मरने के लिए छोड़ दिया। अब उनके लोग किसानों को गाड़ियों से कुचलने का काम कर रहे हैं। ऐसी हत्यारी सरकार को इस्तीफ़ा देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए।
अपने ही घर में नजरबंद किए गए बीएसपी राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि लखीमपुर घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट से कराई जाए। यूपी में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को देखते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
अजय मिश्रा के आवास की सुरक्षा बढ़ाई
उधर, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नर्मदा अपार्टमेंट के बाहर अर्धसैनिक बल की तैनाती कर दी गई है। लखीमपुर खीरी में जो हुआ है, वह टूलकिट के हिसाब से ही हुआ है। लखीमपुर खीरी की घटना दरअसल एक मॉब लिंचिंग की घटना है। जहां गाड़ी में बैठे भाजपा के कार्यकर्ता समेत गाड़ी के ड्राइवर की हत्या कर दी जाती है।
लखीमपुर खीरी में दुर्घटना स्थल के दोनों तरफ खेत ही खेत हैं। कहीं कोई धरना स्थल जैसा कुछ नहीं लग रहा है। जब साजिशकर्ता को पता चल गया होगा कि गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी लखीमपुर खीरी के अमुक रास्ते से होकर गुजरेगी तो वहां पर किसान की शक्ल में भीड़ इकट्ठा हो गई होगी।
डीजीपी समेत योगी आदित्यनाथ की हाई लेवल मीटिंग से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि पूरी घटना जल्द ही शीशे की तरह साफ हो जाएगी। लखीमपुर में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। अगले आदेश तक स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। मृतकों की संख्या अब तक आठ हो गई है।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी
सीएम योगी ने कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। लखीमपुर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। लखीमपुर मामले की तह तक जाएंगे। घटना में शामिल लोगों को बेनकाब करेंगे।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का काफ़िला कथित तौर पर उनके बेटे, चाचा और अन्य गुंडों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया। इस घटना में कम से कम तीन किसान शहीद हो गए। और लगभग दस अन्य घायल हो गए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बेशर्मी से कार्यकर्ताओं को लाठियां उठाने और किसानों पर हमला करने के लिए उकसाया है। भाजपा सीएम के हिंसक इरादे की कड़ी निंदा की गई है। और मांग की गई है कि वह तुरंत माफी मांगें। अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा भी दें।
किसानों की कल की जीत से सरकार को यह समझना चाहिए कि ठोस तर्क और सबूतों के सामने पीछे हटना बहुत मुश्किल नहीं है। ऐसा ही 3 किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने और एक लाभकारी एमएसपी गारंटी क़ानून बनाने के साथ किया जाना चाहिए।
किसान नेताओं के खिलाफ खुली धमकी
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तिकुनिया में हेलीपैड पर किसानों का काले झंडों के साथ प्रदर्शन, एक जनसभा में किसान नेताओं के खिलाफ जारी खुली धमकी के लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में सिंचाई के पानी को लेकर भी किसानों का आक्रोश सामने आया है।
इस बीच, कर्नाटक के गन्ना उत्पादकों ने 5 अक्टूबर को बैंगलोर में विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है। वे राज्य में एसएपी के रूप में कम कीमतों की पेशकश का विरोध कर रहे हैं। और कीमत में कम से कम 350 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि मौजूदा आंदोलन के हिस्से के रूप में रेलवे पटरियों पर कब्जा कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे। हरियाणा सरकार ने विरोध कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करने के अलावा किसानों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए थे।
किसानों की आत्महत्याएं बढ़ीं
उत्तर भारत के कपास उगाने वाले क्षेत्रों के कई जिलों में कपास की फसल को गुलाबी बॉलवर्म के नुकसान के बाद से किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं। बीज उत्पादकों और आपूर्तिकर्ताओं के दायित्व को देखने के अलावा, सरकारों द्वारा मुआवजे के शीघ्र भुगतान की मांग की गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा की एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में संगठन की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई भीषण घटनाओं के संबंध में मीडिया को संबोधित किया। ऋचा सिंह और गुरमनीत मंगत ने दमनात्मक, बर्बर और वीभत्स घटनाओं का विवरण साझा किया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने चार किसानों की मौत की पुष्टि की है। लवप्रीत सिंह (20), दलजीत सिंह (35), नछत्तर सिंह (60) और गुरविंदर सिंह (19)। करीब 12 से 15 लोग घायल हैं, जो अस्पताल में भर्ती हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
यह भी पुष्टि की गई है कि आशीष मिश्रा टेनी (केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र) तीन वाहनों के साथ उस समय आए थे, जब किसान हेलीपैड पर अपने विरोध कार्यक्रम को समाप्त करने की घोषणा कर चुके थे। तभी 3 वाहनों ने किसानों को कुचल दिया।