Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा से उत्तर प्रदेश में लगी आग को शांत करने के लिए योगी सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। लेकिन बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस प्रकार भाजपा के ही नेता ने पागलपन का परिचय दिया, उससे तो यही लगता है कि योगी को फेल करने की साजिश रची गई है।
Lakhimpur Kheri Violence: किसानों की जान लेकर भाजपा के ही नेता ने विपक्ष को दिया मौका
श्रीकांत सिंह
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले वायरल हो रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के वीडियो ने समूची केंद्र सरकार को कटघरे में ला दिया है। उनके सुपुत्र आशीष उर्फ मानू मिश्र ने जो किया, वह कोई मानसिक रोगी ही कर सकता है। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर खीरी जाने की उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है, जबकि तमाम विपक्षी दलों के नेताओं को वहां जाने से रोक दिया गया है।
अब यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निर्भर करेगा कि वह कितनी सख्ती से पेश आते हैं और डैमेज कंट्रोल में सफल होते हैं। यह तथ्य उत्तर प्रदेश सरकार के रुख की ओर संकेत करता है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके सुपुत्र आशीष मिश्र के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 147, 148, 149, 120बी और 289 के तहत एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
फिर भी लोग इतने से संतुष्ट नहीं
फिर भी लोग इतने से संतुष्ट नहीं हैं। टेनी के इस्तीफे की भी मांग की जा रही है। भले ही फिलहाल मरने वालों के परिजनों को 45 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है। घायलों को भी 10 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिए जाने की घोषणा की गई है।
बावजूद इसके, देश भर में धरना प्रदर्शन का सिलसिला थम नहीं रहा है। भाजपा भले ही विपक्ष की ओर से राजनीतिक रोटियां सेंके जाने की बात कर रही है, लेकिन यह सवाल बरकरार है कि आखिर विपक्ष को मौका किसने दिया? अब उससे विपक्ष को संजीवनी मिल रही है तो इसमें विपक्ष का क्या दोष?
लखीमपुर खीरी में यूं चला घटनाक्रम
कुछ समाचार स्रोतों के अनुसार, घटनाक्रम इस प्रकार है। दो सौ किसान 3 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से धरने पर बैठे थे। और 6 घंटे बाद बवाल शुरू हो गया। लखीमपुर में हुए हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी चार मौतों की पुष्टि हुई है।
बताया जाता है कि सुबह आठ बजे से ही किसान लखीमपुर खीरी के बेनीपुर गांव में बने हेलीपैड पर करीब 200 किसान धरने पर बैठे थे। ये गांव केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का है। यहीं केशव मौर्य का कार्यक्रम तय था।
किसानों के प्रदर्शन के कारण डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदल गया और वह सड़क मार्ग से होते हुए लखीमपुर पहुंचे। बीच सड़क डिप्टी सीएम केशव मौर्य और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र के काफिले को काला झंडा दिखाते समय ये हादसा हुआ।
उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम
लखीमपुर में कई सरकारी योजनाओं के शिलान्यास के लिए प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम तय था। इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को भी शामिल होना था। अजय मिश्र लखीमपुर खीरी के ही रहने वाले हैं और यहीं से सांसद हैं।
डिप्टी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी मिलते ही सुबह आठ बजे करीब 200 किसान अजय मिश्र टेनी के गांव बेनीपुर पहुंच गए। यहां केशव मौर्य का हेलीकॉप्टर उतरना था। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने हेलीपैड को पूरी तरह से घेर लिया और बीच में बैठ गए।
आनन-फानन में बदला डिप्टी सीएम का कार्यक्रम
प्रशासनिक अफसरों ने करीब दो घंटे तक किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं हटा। आनन-फानन में डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बदला गया और उन्हें सड़क मार्ग से लखीमपुर लाया गया। यहां उन्होंने करीब 12 बजे एक गेस्ट हाउस में कई सरकारी योजनाओं का शिलान्यास किया।
डिप्टी सीएम ने करीब एक बजे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इसके बाद वह सड़क मार्ग से तिकुनिया के लिए निकले। यहां उन्हें एक दंगल के कार्यक्रम में शामिल होना था। डिप्टी सीएम के तिकुनिया जाने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में किसान तिकुनिया की सड़कों पर जुट गए।
अजय मिश्र का काफिला गुजरा तो …
जब डिप्टी सीएम और केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र का काफिला गुजरा तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने लगे। आरोप है कि काले झंडे दिखा रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष ने गाड़ी चढ़ा दी। और दो किसानों की मौत हो गई।
इसके बाद गाड़ी पलटने से चार और किसानों की जान चली गई। इस तरह से हादसे में 6 किसानों की जान चली गई। हालांकि, प्रशासन ने अभी चार मौतों की ही पुष्टि की है।
आशीष के ड्राइवर को पीटकर मार डाला
समाचार स्रोतों का दावा है कि हादसे से आक्रोशित किसानों ने आशीष की गाड़ी पर हमला कर दिया। किसी तरह आशीष गन्ने के खेत से होकर भाग निकला। उसके ड्राइवर को भीड़ ने पीटकर मार डाला। हालांकि एक प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा है कि न तो वह और न उनका पुत्र मौके पर मौजूद था। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने तमाम और आरोपों का खंडन किया है, जिसका वीडियो लिंक भी इस पोस्ट में दिया गया है।
किसानों की मौत से उग्र भीड़ ने मौके पर तीन गाड़ियों में आग लगा दी। पुलिस पर पथराव करने की सूचना भी है। बवाल बढ़ता देख मौके पर कई थानों की फोर्स लगा दी गई। आईजी, एडीजी समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अफसर पहुंचे। सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।