नई दिल्ली। स्मार्ट फोन में तमाम तकनीकी सुविधाओं के आ जाने से कंप्यूटर की बिक्री लगातार घट रही थी। लेकिन कोरोना महामारी और उसके कारण लॉकडाउन हो जाने परिस्थितियां बदल गई हैं। दूर शिक्षा और आनलाइन शिक्षा की ओर झुकाव बढ़ने से शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर और लैपटॉप की मांग बढ़ गई हैं।
देश में बढ़ती अनिश्चितता और कामकाज के साथ साथ पढ़ाई लिखाई के बदलते तरीकों ने लैपटॉप और कंप्यूटर की बिक्री इतनी बढ़ा दी है कि बाजार में इसकी किल्लत शुरू हो गई है। इन उत्पादों में पहले से चल रहे डिस्काउंट भी खत्म कर दिए गए हैं। बढ़ती मांग की वजह से दुकानदारों के लिए माल पहुंचाना मुश्किल होता जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक्स रीटेल चेन विजय सेल्स के डायरेक्टर नीलेश गुप्ता ने कहा है कि जून महीने से कारोबार पहले जैसा सामान्य होना शुरू हो गया है। सबसे ज्यादा मांग स्मार्टफोन और लैपटॉप की हो रही है, जिसे पूरा करना दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है। लॉकडाउन से बंद हुई बिक्री अब 70 से 75 फीसदी तक पहुंच गई है।
ऑनलॉक शुरू होने के बाद भी तमाम दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम ही हो रहा है। जुलाई से बच्चों के स्कूल की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो जाने से कंप्यूटर और लैपटॉप की जरूरत बढ़ गई है। नोएडा के आशीष का कहना है कि घर में एक लैपटॉप और समार्टफोन होने के बाद भी जुलाई के पहले हफ्ते में ही बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक कंप्यूटर और लैपटॉप खरीदना पड़ा है। बच्चों के स्कूल से जुड़े प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए प्रिंटर भी खरीदना पड़ा है।
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा है कि दुकानों पर इमर्जेंसी हालात में मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर मनमाने दाम पर बेचे जा रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकारों को महामारी के दौर में ग्राहकों के हित की रक्षा करनी चाहिए और इन आवश्यक वस्तुओं के मूल्य पर नियंत्रण लाया जाना चाहिए।