
भारतीय शास्त्रों में परिवर्तिनी एकादशी यानी डोल ग्यारस व्रत का उल्लेख है। आज यानी 29 अगस्त को परिवर्तिनी एकादशी है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का पूजा की दृष्टि से विशेष महत्व है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु पृथ्वी के समस्त कार्यों की जिम्मेदारी भगवान शिव को सौंप देते हैं। मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं।
परिवर्तिनी एकादशी को लेकर मान्यता है कि भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं। इसलिए इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी को पद्मा एकादशी भी कहा जाता है।
पौराणिक कथाओं में परिवर्तिनी एकादशी व्रत और पूजा का महत्व वाजपेय यज्ञ के समान माना गया है। इस एकादशी को भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
महाभारत की कथा में एकादशी व्रत का वर्णन आता है। भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी के महामात्य के बारे में बताते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी का भी पूजन किया जाता है। लक्ष्मी जी के पूजन से धन की कमी दूर हो जाती है।
एकादशी व्रत का संकल्प एकादशी तिथि को ही शुभ मुहूर्त में लिया जाता है। परिवर्तिनी एकादशी की तिथि पर स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें। भगवान विष्णु की स्तुति करें और पीली वस्तुओं से पूजा करें। पूजा में तुलसी, फल और तिल का उपयोग करना चाहिए। व्रत का पारण यानि समापन द्वादशी की तिथि पर विधि पूर्वक करें।
एकादशी तिथि का समापन 29 अगस्त 2020 को 08:17 बजे सुबह। एकादशी पारण का समय : 05:59 से 08:21 सुबह। आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में एक साबुत श्रीफल और सवा सौ ग्राम साबुत बादाम चढ़ाएं।
यदि आपको बार-बार कर्ज लेने की नौबत आती है। लाख कोशिशों के बाद भी कर्ज नहीं उतर पा रहा है तो इस एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की जड़ में शक्कर डालकर जल अर्पित करें और शाम के समय पीपल के नीचे दीपक लगाएं।
इस एकादशी की रात्रि में अपने घर में या किसी विष्णु मंदिर में भगवान श्रीहरि विष्णु के सामने नौ बत्तियों वाला रात भर जलने वाला दीपक लगाएं। इससे आर्थिक प्रगति तेजी से होने लगती है। सारा कर्ज उतर जाता है और व्यक्ति सुख-सौभाग्य प्राप्त करता है।
जिन युवक-युवतियों का विवाह नहीं हो पा रहा है वे इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पीले पुष्पों से श्रृंगार करें। उन्हें सुगंधित चंदन लगाएं और इसके बाद बेसन की मिठाई का नैवेद्य लगाएं। शीघ्र विवाह होगा।
इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन करते समय कुछ सिक्के उनके सामने रखें। पूजन के बाद ये सिक्के लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने पर्स या तिजोरी में हमेशा रखें। इससे आपके धन के भंडार भरने लगेंगे। यह उपाय खास कर व्यापारियों को अवश्य करना चाहिए। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, पद, धन-धान्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत सभी को करना चाहिए।