घरबार नहीं संसार नहीं, मुझसे किसी किसी को प्यार नहीं।
ऐ दुनिया मैं तेरे तीर का या तकदीर का मारा हूँ।।
हीरालाल प्रसाद, मोतिहारी। Lyricist Shailendra:
Lyricist Shailendra: दी ग्रेट शो मैन राजकपूर साहब के चर्चित फिल्म गीतों के जादूगर अपने कलमों से एक से एक कालजयी गीत दी हैं। शैलेन्द्र जी का जन्म 30 अगस्त 1923 को एक दलित परिवार में हुआ था। वे बिहार के भोजपुर के मूल निवासी थे। गीतकार शैलेन्द्र ने प्रसिद्ध कहानीकार फनिश्ववरनाथ रेणु की चर्चित कहानी मारे गए गुलफाम पर फिल्म तीसरी कसम फिल्म का निर्माण किया। फिल्म की नाकामी ने उन्हें बुरी तरह से तोड़ दिया था। फिल्म के नाकामी के कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा।
शैलेन्द्र जी अपने जीवन काल में फिल्म तीसरी कसम की आपार सफलता नहीं देख पाए परन्तु उनके मृत्यु के बाद फिल्म तीसरी कसम को सुपर फिल्म माना गया। इस फिल्म के बेहतरीन निर्माण के लिए उन्हें राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
शैलेन्द्र जी अपने कलम से हिन्दी फ़िल्मों के लिए 800 से अधिक कालजयी गीतें लिखीं। इनमें से अधिकतर गीतें लोकप्रिय हुईं। उनके लिखे कालजयी गीत तो बहुत हैं लेकिन कुछ गीत ऐसे हैं, जो आज भी जब भी सुना जाता है तो मन को काफी सकून मिलता हैं और जीवन में जीने की सीख मिलती है।
लोकप्रिय गानें
Lyricist Shailendra: फिल्म आवारा का आवारा हूँ या गर्दिश में हूं… मेरा जूता है जापानी… तीसरी कसम के सजन रे झूठ मत बोलो…. फिल्म अनाड़ी के किसी के मुस्कुराहटो पे हो निसार…. संगम के दोस्त दोस्त न रहा…. गाईड के गाता रहे मेरा दिल…. अनाड़ी का सब कुछ सीखा हमने….
संगम के हर दिल जो प्यार करेगा वो गाना गाएगा….. आज भी देश एंव विदेश के करोड़ों श्रोता सुनते हैं। प्रसिद्ध गीतकार शैलेन्द्र ने अपने गीतों के माध्यम से समतामूलक भारतीय समाज के निर्माण के अपने सपने और अपनी मानवतावादी विचारधारा को अभिव्यक्त किया। अपने गीतों के माध्यम से भारत को विदेशों की धरती तक पहुंचाया।
दबे कुचलों की आवाज को बुलंद किया
Lyricist Shailendra: उन्होंने अपने गीतों से देश के गरीब दबे-कुचले लोगों की आवाज को बुलंद करने के लिए नारा दिया। अमर गीतकार शैलेन्द्र हिन्दी फ़िल्मों के दी ग्रैट शो मैन राजकपूर साहब के सबसे प्रिय गीतकार थे। शैलेन्द्र जी को उनके कालजयी गीतों के लिए तीन बार फिल्म फेयर अवार्ड एवं क्या राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इस महान गीतकार को हम सादर नमन करते हैं।