
हीरालाल प्रसाद, मोतिहारी। manoj bajpayee :
भारतीय हिन्दी सिनेमा के महान अभिनेता मनोज बाजपेयी को उनकी दो फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवार्ड मिला है। ये फिल्में गुलमोहर, और एक बन्दा काफी है। ये अवार्ड्स बाॅलीवुड हंगामा ओटीटी इंडिया फेस्ट 2023 में मिले हैं।
भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता मनोज बाजपेयी
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारण नरकटियागंज के बेलवा गाँव में 23 अप्रैल 1969 को हुआ था। उनके पिता राधाकान्त बाजपेयी एक किसान थे। मनोज बाजपेयी बचपन से फिल्म अभिनेता बनना चहते थे और अभिनेता बने तो भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता।
manoj bajpayee : इन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई बेतिया जिले के के. आर. स्कूल से की। 17 साल की उम्र में इन्होंने अपने गाँव बेलवा से उच्च पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गये और पढ़ाई के साथ थियेटरों में भी अभिनय करना प्रारंभ कर दिया।
इन्होंने अपनी फिल्म करियर प्रसिद्ध फिल्मकार गोविन्द निहलानी की फिल्म द्रोखाल से साल 1994 में प्रारंभ किया। इसके बाद मनोज बाजपेयी बायोग्राफी ड्रामा फिल्म बैंडिट क्वीन में शानदार अभिनय में नजर आये।
मनोज बाजपेयी को हिन्दी सिनेमा में पहचान फिल्म शूल से मिली फिल्म शूल में मनोज बाजपेयी के दमदार अभिनय को देश में बड़ी प्रसिद्धि मिली। इस फिल्म के अपार सफलता के बाद मनोज बाजपेयी ने फिल्म सत्या, कलाकार, दाउद, तम्मना, प्रेमकथा, कौन, फिजा, दिल पे मत लेना यार, पिंजर, एल ओ सी कारगिल, वीरजला, राजनीति आदि फिल्मों में दमदार बेमिसाल और शानदार अभिनय को देश ही नहीं विदेशों में खूब ख्याति मिली।
फिल्म शूल में शानदार अभिनय
मनोज बाजपेयी को फिल्म शूल में शानदार अभिनय पर फिल्म फेयर का सर्वश्रेष्ठ अवार्ड, फिल्म पिंजर में राष्ट्रीय अवार्ड के साथ राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री अवार्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।