Marwah Studio: नोएडा में फिल्म सिटी की चर्चा उत्तर प्रदेश सरकार जोर शोर से कर रही है। लेकिन 1991 में ही लोग नोएडा में फिल्म और टेलीविजन के लिए कार्यक्रमों के निर्माण साक्षी बनने लगे थे। आज सेक्टर 16ए का यह क्षेत्र मीडिया सिटी बन चुका है। जहां देश के नामी गिरामी न्यूज चैनल चलाए जा रहे हैं। इन गतिविधियों का सूत्रधार बना था मारवाह स्टूडियो।
Marwah Studio: उत्तर भारत का पहला फिल्म स्टूडियो
Marwah Studio: 10 मार्च 1991, कल की ही बात लगती है। जब हम सब उत्तर भारत के पहले फिल्म स्टूडियो, मारवाह स्टूडियो का भव्य उद्घाटन कर रहे थे तो एक नया इतिहास रचने के लिए उत्सुक थे। यह कहना था मारवाह स्टूडियो के संस्थापक डॉ. संदीप मारवाह का।
वह मारवाह स्टूडियो के तीस वर्ष पूरे होने के अवसर पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृष्णा राज कपूर, शम्मी कपूर, सुरिंदर कपूर, बोनी कपूर, अनिल कपूर, संजय कपूर, यश चोपड़ा, एफ.सी. मेहरा, प्रेम चोपड़ा, विनोद पांडे, इंद्र कुमार, अशोक ठाकरिया, गुलशन कुमार, राकेश रोशन, टूटू शर्मा, राकेश नाथ ने मारवाह स्टूडियो में समारोह का उद्घाटन किया था।
ग्लैमर से सबका दिल जीत लिया
माधुरी दीक्षित, शिल्पा शिरोडकर, पद्मिनी कोलापुरे, पूनम ढिल्लो, बीना ने अपने ग्लैमर से सबका दिल जीत लिया था। दूरदर्शन के लिए शुरू किए गए नए धारावाहिक खाली हाथ को लॉन्च करना उन 2000 लोगों के लिए एक और बड़ा आकर्षण था। जो तस्वीरों को क्लिक करने और अपने सबसे प्यारे सितारों से ऑटोग्राफ लेने में व्यस्त थे।
मारवाह स्टूडियो ने एक लंबा सफर तय किया है। हमारे माता-पिता का आशीर्वाद हमारे साथ रहा। तीस साल में हमने दुनिया के समक्ष यह साबित कर दिया है कि ईमानदारी और कड़ी मेहनत से आप एक बंजर भूमि को उपजाऊ बना सकते हैं। और जरूरी परिणाम पा सकते हैं।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का गठन
सात विश्व रिकॉर्ड, सौ संगठन, दो मिलियन लोग, 145 देश, 700 पुरस्कार, 20,000 मीडिया विशेषज्ञ, 60 राजदूत और कई कला और सांस्कृतिक संगठनों से ग्लोबल कल्चरल मिनिस्टर जैसे खिताब ने हमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का गठन करने के लिए प्रेरित किया।
Marwah Studio: मारवाह स्टूडियो के योगदान को किसी भी स्तर पर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। समाज के कई अन्य वर्गों जैसे शिक्षा, पर्यावरण, बड़े सामाजिक मुद्दे, सरकारी अभियान में उनका योगदान सराहनीय है।