Mental illnesses: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मानसिक रोगों के समाधान तलाशे जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को नोएडा के सेक्टर छह स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
Mental illnesses: डॉ. महेश शर्मा ने कहा, मानसिक रोगों की समय रहते पहचान जरूरी
इंफोपोस्ट न्यूज, नोएडा। Mental illnesses: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ. महेश शर्मा ने कहा है कि मानसिक रोगों की समय रहते पहचान जरूरी है। जिस तरह शारीरिक बीमारियों का उपचार होता है, उसी तरह मानसिक बीमारियों का भी इलाज संभव है।
उन्होंने कहा कि सामान्य जनजीवन में लोगों में बढ़ती हार्ट डिजीज और डायबिटीज के पीछे भी कहीं न कहीं मानसिक तनाव एक बड़ा कारण है। इन समस्याओं का निदान ध्यान और योग के माध्यम से किया जा सकता है।
डॉ. शर्मा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर शनिवार को सेक्टर छह स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीमारियों के इलाज पर आने वाले खर्च को काफी हद तक कम किया जा सकता है, यदि हम स्वास्थ्य को योग और ध्यान के माध्यम से दुरुस्त रखें।
योग और ध्यान, मानसिक रोगों का समाधान
दरअसल, इसे विश्वव्यापी बनाए जाने की जरूरत है। योग और ध्यान के क्षेत्र में भारत विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका है। इसके लिए आज पूरा विश्व हमारी ओर देख रहा है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक ओहरी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी अवसाद का शिकार हो रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि घर के बच्चों का विशेष रूप से ख्याल रखें।
उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान लोगों में मानसिक अस्वस्थता बढ़ गई थी। इस वजह से विभाग के मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की ओर से कोविड अस्पतालों, शेल्टर होम, क्वारेंटाइन सेंटर में काउंसलिंग की कराई गई। जरूरत के हिसाब से लोगों का इलाज भी किया गया।
अकेलापन और उपेक्षा मानसिक रोगों का बड़ा कारण
मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारत भूषण ने कहा कि अकेलापन और उपेक्षा मानसिक रोगों का बड़ा कारण है। मानसिक रोगियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
मानसिक रोग भी अन्य रोगों की ही तरह हैं। इनका उपचार संभव है। जिला अस्पताल में मानसिक रोगों के उपचार के लिए जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ है। वहां मनोचिकित्सक और काउंसलर मौजूद हैं।
एसीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने कहा कि परिवारों में अकेलेपन के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। उससे अवसाद की स्थिति पैदा हो रही है।
कोई भी समस्या या परिस्थिति स्थायी नहीं होती
इस अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की साइकेट्रिस्ट सोशल वर्कर डॉ. रजनी सूरी ने मानसिक रोगों के लक्षणों और उसके निदान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या या परिस्थिति स्थायी नहीं होती। सभी का समाधान होता है।
मानसिक रोग के लक्षणों को जितना जल्दी पहचान सकें, उतना बेहतर है। समय गंवाने से परेशानी ज्यादा बढ़ सकती है। इसलिए चिकित्सक के पास जाने में देर न करें। मानसिक रोगियों के लिए दयालुता जरूरी है। योग, ध्यान, व्यायाम मानसिक रोगों से उबरने में सहायक होते हैं।
जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ की मनोचिकित्सक डॉ. तनूजा ने कहा कि मानसिक रोगियों के लिए परिवार और अपनों का व्यवहार काफी मायने रखता है। परिवार वालों की यह जिम्मेदारी बनती है कि परिवार के किसी सदस्य के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आने लगे तो सतर्क हो जाएं।
वह अपने मन की बातें शेयर करना बंद कर दे, नींद आने में कोई समस्या हो तो उसे साइकेट्रिस्ट के पास ले जाएं। ये मानसिक रोग के लक्षण हो सकते हैं। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग, नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।