
Message of Mahavira: भविष्य में जीवन तभी सुरक्षित रह पाएगा, जब हम भगवान महावीर के संदेशों को मानेंगे और उन पर चलने की प्रतिज्ञा करेंगे। तभी तो यह नया वर्ष भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव के रूप मनाया जा रहा है। भारत शांति चाहने वाला देश है। हम सब भगवान महावीर के बताए रास्ते पर चलकर विश्व में शांति लाना चाहते हैं।
Message of Mahavira: कनॉट प्लेस में राष्ट्रीय कार्यालय का उद्घाटन
इंफोपोस्ट न्यूज
Message of Mahavira: जियो और जीने का संदेश लेकर भगवान महावीर इस दुनिया में आए। उन्होंने विश्व में शांति और सौहार्द का संदेश दिया। इसी प्रेरणा के साथ राष्ट्र संत श्वेतपिच्छाचार्य श्री 108 विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य अंतेवासी पट्टशिष्य राष्ट्रगुरू परंपराचार्य श्री 108 प्रज्ञसागर जी मुनिराज ससंघ की मंगल प्रेरणा से व पीठाधीश सुरेंद्र कीर्ति स्वामी जी के सानिध्य में राष्ट्रीय कार्यालय का उद्घाटन जैन मंदिर काम्प्लेक्स राजा बाजार कनॉट प्लेस में सम्पन्न हुआ।
2550वां निर्वाण महोत्सव मनाने का कार्य सुचारु रूप से चले, उसके लिए जैन समाज के सभी पंथों ने एकजुटता दिखाई है। इस अवसर पर प्रज्ञसागर जी मुनिराज के सानिध्य में अखिल भारतीय भगवान महावीर 2550वां निर्वाण महोत्सव समिति के मुख्य संयोजक सत्यभूषण जैन, गजराज जैन गंगवाल, जितेंद्र जैन स्थानक जैन समाज दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, नरेश आनंद जैन और सुखराज सेठिया जैन उपस्थित रहे।
एकजुट हुए जैन धर्म के चारों पंथ
खास बात यह रही कि जैन धर्म के चारों पंथ एक जगह एकत्र हुए और उत्सव में समान रूप से भागीदारी का संकल्प किया। सत्यभूषण जैन ने कहा, भारत शांति चाहने वाला देश है। हम सब भगवान महावीर के बताए रास्ते पर चलकर पूरे विश्व में शांति लाना चाहते हैं।
नरेश आनंद जैन ने कहा, आज पूरे विश्व में शांति की जरूरत है। और भगवान महावीर के संदेश से अच्छा कुछ नहीं है। जैसे, जियो और जीने दो या क्षमा दान। सुखराज जैन ने कहा, भगवान महावीर के संदेशों को जन जन पहुंचाना है और सभी को एक सूत्र में बंधे रहना है।
विश्व में एकता और शांति का एकमात्र विकल्प
गजराज जैन गंगवाल ने कहा, विश्व में एकता और शांति का एकमात्र विकल्प है एक दूसरे को क्षमा कर देना। राजीव जैन ने कहा, आज से भगवान महावीर के नाम का शंखनाद गूंजेगा जो पूरे विश्व में सुनाई देगा। क्योंकि जैन समाज के चारो पंथ एक हो गए हैं।
प्रमोद जैन ने कहा, निर्वाण महोत्सव में हमारा उद्देश्य यह है कि हम एक दूसरे को जोड़कर चलें। यही भगवान महावीर का मानना था। जुड़कर चलने से बड़ी से बड़ी परेशानी छोटी हो जाती है। प्रमोद जैन, मनोज जैन, दीपक जैन, सुभाष जैन, मनींद्र जैन, रवि जैन, राजीव जैन, जे के जैन और विवेक जैन ने भी अपने विचार रखे और कहा कि सभी कार्य सुचारु रूप से चलेंगे। सरकार से भी सहयोग की उम्मीद है।