
Movie Review: दशमी एक ऐसी फिल्म है जिसमें बेशक राम और रावण के साथ रामलीला के बैकग्राउंड में एक ऐसा मैसेज मेकर्स की ओर से दिया गया है जो आज के समाज और माहौल पर सार्थक साबित होता है।
Movie Review: सीट से बांध कर रखती है यह फिल्म
इंफोपोस्ट न्यूज
Movie Review: बेहद सीमित बजट में बनी इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यह है कि आप फिल्म की शुरुआत से अंत तक आपको सीट से बांधकर रखती है। नई स्टार कास्ट और किसी स्टूडियो में लगाए गए कृत्रिम सेट के बजाय फिल्म निर्देशक ने 90 फीसदी फिल्म की शूटिंग आउटडोर लोकेशन में पूरी की है जिससे फिल्म की स्टोरी और दमदार बन गई है।
इस फिल्म की टैगलाइन है, ‘आओ कलयुग की दशमी में कलयुगी रावण को मिलकर जलाते हैं।’ डायरेक्टर शांतनु ने अपनी इस फिल्म के जरिए आज के समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाने और अंधेरे को मिटाकर एक नई रोशनी फैलाने की अच्छी पहल की है।
लगातार किडनैपिंग का सिलसिला
बलात्कार जैसे संवेदनशील विषय पर बनी दशमी की एसीपी केके (आदिल खान) से शुरू होती है। पुलिस कमिश्नर ने शहर के नामी विख्यात धार्मिक गुरु को अस्पताल से किडनैप किया है। केके अपनी विश्वासपात्र टीम के साथ गुरु जी के किडनैपर की तलाश में जुट जाता है लेकिन तभी लगातार किडनैपिंग का ऐसा सिलसिला शुरू होता है जिसमें शहर की नामचीन हस्तियों, दूसरे धार्मिक गुरुओं के साथ ऐसे राजनीति, मेडिकल, समाज सेवा क्षेत्र की नामचीन हस्तियां शामिल हैं। जो कोर्ट से जमानत पर रिहा हैं।
इन सब पर इल्जाम हैं कि इन्होंने चार साल से लेकर बीस साल तक की मासूम लड़कियों के साथ रेप किया लेकिन कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इन सभी का किडनैप होता है और सभी सोशल मीडिया पर यह कबूल करते नजर आते हैं कि उन्होंने रेप किया है। आखिर इनका रेप कौन कर रहा है और क्या चाहता है। यह जानने के लिए आपको दशमी जरूर देखनी चाहिए।
फिल्म पर निर्देशक की अच्छी पकड़
यह फिल्म सामाजिक रीति-रिवाजों और दकियानूसी सामाजिक परंपराओं पर सवाल खड़ा करती है। निर्देशक की फिल्म पर अच्छी पकड़ है। फिल्म में अमरीशपुरी के पोते वर्धनपुरी भी हैं और इन्होंने भी सपोर्टिंग कास्ट के साथ बेहतरीन एक्टिंग की है।
दलजीत कौर, गौरव सरीन, मोनिका चौधरी, खुशी हजारे, स्वाति सेमवाल सभी अपने किरदार में फिट हैं। आदिल खान ने अपनी बेहतर एक्टिंग से अपने किरदार को जीवंत किया है। फिल्म के क्लाइमेक्स की जितनी भी तारीफ की जाए, कम है। क्योंकि आखिरी 25 मिनट की फिल्म का जवाब नहीं। अगर आप अच्छे संदेश वाली फिल्में पसंद करते हैं तो फैमिली के साथ इस फिल्म को जरूर देखिए।
कलाकार, आदिल खान, वर्धनपुरी, गौरव सरीन, मोनिका चौधरी, खुशी हजारे, दलजीत कौर, संजय पांडे, स्वाति सेमवाल, शिवम, निर्देशक, शांतनु अनंत तांबे।