
Omar Abdullah Oath: अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत के बाद उमर अब्दुल्ला के जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है। एलजी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष को केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था।
Omar Abdullah Oath: इंडिया गठबंधन मजबूत: इफरा जान
इंफोपोस्ट डेस्क
Omar Abdullah Oath: नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता इफरा जान का कहना है, ‘आज जो सीएम शपथ लेंगे, उन्हें जम्मू-कश्मीर की 1.35 करोड़ जनता ने चुना है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देना चाहती हूं क्योंकि उनकी चुनी हुई सरकार बनेगी। इंडिया गठबंधन के बारे में फैलाई जा रही अफवाहें निराधार हैं, इंडिया गठबंधन मजबूत और एकजुट है।’
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, NCP-SCP सांसद सुप्रिया सुले और CPI नेता डी राजा जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए श्रीनगर पहुंचे।
एलजी ने शपथ लेने के लिए किया था आमंत्रित
नेकां के संभागीय अध्यक्ष कश्मीर नासिर असलम वानी ने कहा कि एलजी ने सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष को केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। यह आमंत्रण केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के एक दिन बाद भेजा गया।
एलजी के प्रमुख सचिव ने अब्दुल्ला को पत्र सौंपकर शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय के बारे में बताया। शपथ ग्रहण समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की मजार-ए-अनवर पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।
हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा। बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी।
पांच छह साल हो गए कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था। हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं।’