Omicron variant of Corona: चुनावी शोर के बीच कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दबे पांव देश के अलग—अलग राज्यों में दस्तक दे रहा है। चार दिनों में दिल्ली समेत पांच प्रदेशों में इसने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। लेकिन ज्यादा डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि यह पहले के मुकाबले संक्रामक अधिक है पर घातक कम। फिर भी स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को ध्यान में रखकर सतर्कता अनिवार्य होनी चाहिए, जो कि कहीं भी नजर नहीं आ रही है।
Omicron variant of Corona: महामारी की तीसरी लहर का खतरा बरकरार
श्रीकांत सिंह
Omicron variant of Corona: कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट संक्रामकता के लिहाज से अपने पूर्वजों में सबसे आगे है। भारत आगमन के चार ही दिनों के भीतर कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में इसके मरीज मिले हैं। जयपुर में नौ, पुणे में सात और दिल्ली में एक मरीज की पुष्टि हुई है। कुल मामले 21 बताए जा रहे हैं।
भारत में ओमिक्रॉन की सप्लाई विदेशों से हो रही है। बावजूद इसके, विदेशियों के भारतीय आगमन को रोका नहीं जा सका। इसे दुर्भाग्यपूर्ण लापरवाही नहीं तो और क्या कहेंगे कि तंजानिया का व्यक्ति दिल्ली, दक्षिण अफ्रीका से जयपुर लौटे चार लोग और उनके पांच रिश्तेदार ओमिक्रॉन पाजिटिव पाए गए। इसी प्रकार कोविड मरीजों सूची में लगातार इजाफा हो रहा है।
वैक्सीन को ओमिक्रॉन पर बताया गया निष्प्रभावी
वैक्सीनेशन की बात करें तो देश में अब तक टीकों की लगभग 128 करोड़ दोनों डोज दी जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की मानें, तो देश की पचास फीसदी वयस्क आबादी का टीकाकरण संपन्न हो चुका है। लगभग 85 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक लग चुकी है। ओमिक्रॉन की खबर ने बूस्टर डोज के प्रति जागरूकता पैदा की है। लेकिन शारीरिक दूरी और मास्क बचाव का सटीक उपाय है। क्योंकि विशेषज्ञ मानते हैं कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट वैक्सीन के सुरक्षा चक्र को भेदने में समर्थ है।
बेशक अभी कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन मरीजों की संख्या बेतहाशा बढ़ने पर स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता जवाब दे जाती है। कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान किस प्रकार आक्सीजन सिलेंडर के अभाव में लोग तड़प—तड़प कर मरे, यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में यह सरकार को तय करना है कि चुनावी नैया पार लगानी है या देश के लोगों के प्राणों की रक्षा करनी है।
क्या कहते हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मानें, तो ओमिक्रॉन से घबराने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार पूरी तरह से तैयार है। जरूरत पड़ने पर एलएनजेपी में तत्काल 500 बेड शुरू किए जा सकते हैं। फिर भी राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़े हैं। लगातार तीसरे दिन रविवार को 50 से अधिक नए मरीज सामने आए।
विशेषज्ञों की बात करें, तो वे ओमिक्रॉन की संक्रामकता के आधार पर कोविड 19 की तीसरी लहर आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। सनद रहे कि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भी अपने टीकों के ओमिक्रॉन पर कारगर होने के प्रति निश्चिंत नहीं हैं। अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के सीईओ ने कहा भी था कि ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में इतना ज्यादा म्यूटेशन हो रहे हैं कि यह वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडीज से बचने में कामयाब हो सकता है।
क्या करे सरकार?
विशेषज्ञों की भविष्यवाणी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। सरकार को चाहिए कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न हुई परिस्थितियों से सबक लेकर तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज कर दे। तीसरी लहर के प्रति बेफिक्री का आलम यह है कि वैक्सीनेशन की गति भी धीमी पड़ गई है।
लोगों को यह कहते सुना जा सकता है कि सरकार कहती है तो कोरोना होता है। सरकार नहीं कहती तो कोरोना नहीं होता। कोरोना को तभी गंभीरता से लिया जाता है, जब उसका उग्र रूप सामने आता है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि आज बाजारों में हद दर्जे की लापरवाही बरती जा रही है। किसी को मास्क या शारीरिक दूरी की कोई परवाह ही नहीं है। सरकार अपने चुनावी नफा नुकसान को ध्यान में रखकर अपनी सुविधा के अनुसार कोरोना महामारी पर लगाम लगाने का प्रयास करती है।