
Opinion Survey 2024: सारे राजनीतिक सवालों का सिरमौर यही है कि आखिर 24 में सरकार किसकी बनने जा रही है? लेकिन ऐसे सवाल और उनके जवाब लोकतंत्र के लिए हानिकारक माने जाते हैं। क्योंकि जब चुनाव से पहले ही पता लगा लिया जाएगा कि किसकी सरकार बनने जा रही है तो चुनाव और मतददान का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। फिर भी कुतूहल और जिज्ञासा ने सर्वे की खबरों को हवा दे दी है।
Opinion Survey 2024: एनडीए के लिए खतरे की घंटी
श्रीकांत सिंह
Opinion Survey 2024: लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है। लेकिन इन चुनावों के लिए होने वाले सर्वे ने एनडीए के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सर्वे के अनुसार, 2024 में न केवल एनडीए की सीटें घट रही हैं बल्कि वोट शेयर भी घटता दिख रहा है। इससे पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया की घोषणा के बाद किए गए एक ताजा सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
मिशन 2024 के लिए एनडीए बनाम इंडिया की लड़ाई तय दिख रही है। सर्वे की माने तो एनडीए के तीसरी बार सत्ता में आने की संभावना बलवती है, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 2019 के मुकाबले घटता दिख रहा है। लेकिन सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी के आत्मविश्वास का अपना अपना स्तर है। कोई भी पार्टी निराशा को फटकने नहीं दे रही है।
देश के दो बड़े राज्यों गुजरात और तमिलनाडु में आज लोकसभा चुनाव करा दिए जाएं तो किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं? क्या तमिलनाडु में कर्नाटक से ज्यादा मजबूत होगी बीजेपी? क्या गुजरात में बीजेपी के गढ़ में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस? ताजा ओपिनियन पोल के नतीजों से इन दोनों राज्यों में किसका पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है?
विपक्षी गठबंधन इंडिया को 160 से 190 सीटें मिलने का अनुमान
सर्वे के अनुसार, एनडीए को लोकसभा चुनाव में 296 से 236 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया को 160 से 190 सीटें मिल सकती हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को कुल 353 सीटें मिली थीं। बीजेपी को अकेले 303 सीटों पर जीत मिली थी तो यूपीए को 91 सीटें मिली थीं। अन्य को 98 सीटों पर जीत मिल पाई थी।
इसी प्रकार एनडीए के वोट प्रतिशत में भी गिरावट का अनुमान लगाया गया है। एडीए को 42.60 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं तो इंडिया को 40.20 फीसदी वोट मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2019 की बात करें तो एनडीए को 45% वोट मिले थे जिसमें अकेले 37% वोट बीजेपी को मिले थे। कांग्रेस को महज 19 फीसदी वोट मिल पाए थे। यूपीए का वोट शेयर 30 फीसदी के करीब पहुंचा था।