
Oxygen Man: आज आपका परिचय कराते हैं एक ऐसे व्यक्ति से, जिन्हें लोग ऑक्सीजन मैन के नाम से जानते हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के पागल हीरो राजेश कुमार सुमन की। जो हरित यात्रा के जरिये लोगों में ऑक्सीजन के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं।
Oxygen Man: नाक पर ऑक्सीजन मास्क और पीठ पर पौधा
अंकित तिवारी
समस्तीपुर, बिहार। Oxygen Man: राजेश कुमार सुमन नाक पर ऑक्सीजन मास्क और पीठ पर पौधा लादकर सांकेतिक प्रदर्शन के माध्यम से बिहार और देशवासियों को जागरूक कर रहे हैं। उनका मानना है कि अभी हम पेड़ को नहीं बचाएंगे तो आने वाले 30 से 40 वर्षों में शुद्ध प्राणवायु की कमी हो जाएगी। और तब हमारे बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों की पीठ पर कृत्रिम ऑक्सीजन सिलेंडर रखना मजबूरी हो जाएगा।
बिहार के समस्तीपुर स्थित ढरहा गांव में 24 दिसंबर 1988 को जन्मे राजेश कुमार सुमन को उनके अजूबे तरीके से कार्य करने के लिए तमाम अवार्ड भी मिल चुके हैं। इंफोपोस्ट को मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें बिहार गौरव सम्मान 2021, बिहार शौर्य सम्मान 2021, पर्यावरण सांसद और तिलका मांझी राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।
इसके अलावा उन्हें पर्यावरण सुरक्षा सम्मान, चेंज मेकर अवार्ड, ग्रीन वॉरियर अवार्ड, अर्थ चैंपियनशिप अवार्ड, पर्यावरण लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, मंदार रत्न अवॉर्ड, पर्यावरण योद्धा सम्मान सहित दर्जनों अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति दीवानगी का आलम
यह युवक पर्यावरण संरक्षण के प्रति इतना दीवाना है कि विदेश मंत्रालय की प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ बिहार लौट आता है। और पीठ पर जार में पौधा और नाक पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर सांकेतिक डिमांस्ट्रेशन के जरिये पिछले तीन वर्षों से देशव्यापी ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन चला रहा है।
देश के अधिकांश राज्यों में कैंपेन के माध्यम से ऑक्सीजन बचाने के लिए लाखों लोगों को वह जागरूक कर चुके हैं। उन्होंने बिहार के चार गांवों को गोद लिया और अपने निजी खर्च पर बेटी और वन को बचाने के लिए बेटी के सम्मान में उसी के नाम से हर घर के दरवाजे पर आम का पौधा लगाया।
उन्होंने ग्रीन पाठशाला बीएसएस क्लब की स्थापना की है। वहां प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगिता परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दी जाती है। फीस के तौर पर हर छात्र छात्रा से 18 पौधे लगवाए जाते हैं। अब तक 500 से अधिक गरीब प्रतियोगी भारत सरकार और बिहार सरकार के विभिन्न शासकीय सेवा में चयनित हो चुके हैं।
सेल्फी विद ट्री कैंपेन के जरिये पौधरोपण संस्कार
वह सेल्फी विद ट्री कैंपेन भी चला रहे हैं। जिसके माध्यम से जन्मदिन, शादी की सालगिरह, मुंडन, जनेऊ और श्राद्धकर्म के अवसर पर पौधरोपण को एक संस्कार बना कर आंदोलन चलाया जा रहा है। सुमन अब तक 25 लाख रुपये खर्च कर एक लाख 10 से अधिक पौधे लगा चुके हैं। इनके कार्यों का सराहना केंद्र सरकार और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी की है।
इंफोपोस्ट से उन्होंने कहा, पहले जब मैं शादी में वर-वधू को हरित उपहार के रूप में पौधा भेंट करने जाता था तो कई बार मुझे वरमाला स्टेज से भगा दिया जाता था। और यहां तक कि खाना भी नहीं खाने दिया जाता था। कई शादी समारोहों में कहा गया, आप को नर्सरी खोलनी होगी। पौधा बिकता नहीं होगा तो आप लोग यहां प्रचार करने चले आते हैं।
भावनाओं को नहीं समझा गया तो देश भर में घूमना शुरू कर दिया
लोगों ने उनकी भावना को नहीं समझा तो वह पीठ पर पौधा और नाक पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर ऑक्सीजन बचाओ हरित यात्रा कैंपेन की शुरुआत कर दी। लेकिन उन्हें कई बार बड़े मंच से भी अपनी बात को रखने का मौका नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होंने देश भर में घूमना शुरू कर दिया।
अंकित तिवारी से बातचीत में उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट, बंगाल, बिहार, झारखंड और दिल्ली में कैंपेन कर चुका हूं। कैंपेन मैं पैदल ही करता हूं। बिहार में लगभग सभी जिलों को कवर कर चुका हूं। वीकेंड में मेरा कोई न कोई कार्यक्रम होता ही है।
मध्य प्रदेश में मैंने एक सप्ताह का टूर किया है। वहां उज्जैन, भोपाल, छतरपुर आदि कई स्थानों पर कार्यक्रम किया। हमारा कोई एनजीओ या ट्रस्ट नहीं है। हमारे साथ कुछ लोग हैं, जो पौधे आदि लेकर चलते हैं। लेकिन कार्यक्रम का सारा खर्च हम खुद वहन करते हैं।