
इंफोपोस्ट डेस्क, नयी दिल्ली। PM modi meeting :
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक विपदा के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हरकत में आ गई है। राज्य में आई आपदा से 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पहाड़ पर आई इस आपदा में आज यानी शनिवार को बचाव एवं राहत अभियान जारी रहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के हालात को देखते हुए अपने आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। लगभग एक घंटे तक चली इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी मौजूद रहे। ज्ञात हो कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते हाहाकार मचा है। सैंकड़ों लोगों के घर तबाह हो गए हैं और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।
हिमाचल का कल दौरा करेंगे नड्डा
PM modi meeting : बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने हालात और बचाव और राहत अभियान पर बारीकी से जानकारी ली और जरूरी निर्देश दिए। भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश कल यानी रविवार को राज्य का दौरा कर सकते हैं। वह मुख्य रूप से बाढ़ प्रभावित उन इलाकों का मुआयना करेंगे जहां हालात ज्यादा गंभीर हैं। नड्डा इसी राज्य से आते हैं इसलिए वे हालात और चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। दौरे के दौरान नड्डा प्राकृतिक त्रासदी में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात भी करेंगे। वह समरहिल, शिमला में भारी बारिश के कारण हुए ध्वस्त प्राचीन शिव मंदिर स्थल का मुयायना करेंगे।
बारिश की वजह से बचाव कार्य में बाधा
शिमला में लैंडस्लाइड के बीच बारिश से राहत एवं बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही हैं। समर हिल जहां लैंडस्लाइड में मंदिर दब गया था, वहां अब तक पूरी तरह से रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म नहीं हुआ है। कई दूसरी जगहों पर भी लैंडस्लाइड की वजह से मलबा बिखरा पड़ा है जिसे हटाने के लिए एयरफोर्स के शिनूक हेलीकॉप्टर से जेसीबी मशीन लाई गई है।
पहाड़ का मलबा हाईवे पर आया
PM modi meeting : हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड की वजह से कई जगहों पर पहाड़ का मलबा हाइवे पर आ गया है। सड़क बंद हो गई है। लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ से पेड़ नीचे सड़क पर गिर रहे हैं। पेड़, बिजली के तार पर गिर रहे हैं जिसकी वजह से वहां अफरा-तफरी मची हुई है। बारिश, लैंडस्लाइड की वजह से शिमला-कालका के बीच चलने वाली ट्रॉय ट्रेन का रूट भी प्रभावित हुआ है। ट्रैक के नीचे से जमीन गायब हो गई है।
300 लोगों की जान जा चुकी है
24 जून से अबतक कुल 300 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 2 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया। इस तबाही से 10 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा तो करीब 1900 से ज्यादा घर जमींदोज हो गए। हिमाचल प्रदेश में 506 सड़कों के साथ 3 नेशनल हाइवे अभी भी बाधित हैं और 1000 से ज्यादा बस रूट ठप पड़े हुए हैं।